-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। Dhariwal nomination: राजस्थान में कांग्रेस की राजनीति के हिसाब से सबसे अधिक चर्चित बनी कोटा उत्तर विधानसभा सीट से सोमवार दोपहर कांग्रेस के प्रत्याशी शांति धारीवाल ने अपना नामांकन पर्चा दाखिल कर दिया। श्री धारीवाल आज नामांकन रैली के साथ से नयापुरा से कोटा कलक्ट्री पहुंचे एवं कोटा उत्तर विधानसभा क्षेत्र की रिटर्निग अधिकारी के समक्ष अपना नामांकन प्रस्तुत किया।
कोटा उत्तर विधानसभा सीट से कांग्रेस की दृष्टि से शांति धारीवाल को प्रत्याशी बनाए जाने को काफी अहम माना गया है क्योंकि पिछले साल 25 सितम्बर को श्री धारीवाल के जयपुर स्थित आवास पर कांग्रेस के विधायक दल की समानांतर बैठक बुलाए जाने के बाद श्री धारीवाल सहित राज्य के जलदाय मंत्री महेश जोशी और राजस्थान पर्यटन निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ के खिलाफ पार्टी के आलाकमान और प्रदेश के कुछ नेताओं की नाराजगी इस कदर बढ़ गई थी कि केंद्रीय स्तर के कुछ नेता वरिष्ठ नेता तो इन तीनो ही नेताओं को इस विधानसभा चुनाव में टिकट देने के पक्ष में नहीं बिलकुल नहीं थे।
इन तीनों नेताओं को टिकट नहीं दिए जाने की चर्चाओं के बीच पार्टी नेतृत्व ने मौजूदा विधायक और राज्य सरकार के मंत्री महेश जोशी को टिकट नहीं दिया और राजस्थान पर्यटन निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ की अजमेर उत्तर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में अपनी दावेदारी को स्वीकार नहीं किया। हालांकि राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इन तीनों को टिकट दिलाने के लिए प्रतिबद्ध थे और इसीलिए इन तीनों सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी के नाम तय होने में अंतिम समय तक का इंतजार करना पड़ा।
आखिरकार रविवार देर रात ही इन तीनों सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों के नामों की आधिकारिक रूप से घोषणा की गई, लेकिन आशंकाओं के बादलों के बीच महेश जोशी की विधायक होते हुए भी दावेदारी को दरकिनार कर दिया गया। जबकि अजमेर उत्तर सीट से धर्मेंद्र राठौड़ की दावेदारी को स्वीकार नहीं किया गया। बल्कि वहां पर पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के अजमेर जिले में सबसे अधिक नजदीकी नेता महेंद्र सिंह रलावता को टिकट दिया गया, जो इस सीट पर लगातार दूसरी बार कांग्रेस के प्रत्याशी होंगे।
वर्ष 2018 का भी चुनाव श्री महेंद्र सिंह ने इसी विधानसभा सीट से लड़ा था, लेकिन वे चुनाव हार गए थे। इस बार पार्टी नेतृत्व ने मुख्यमंत्री श्री गहलोत की तमाम कोशिशों को नकारते हुए धर्मेंद्र राठौड़ को इस सीट से अपना प्रत्याशी नहीं बनाया और सचिन पायलट के नजदीकी महेंद्र सिंह रलावता को ही टिकट दिया है। मुख्यमंत्री श्री गहलोत के लिए सबसे अधिक संतोष की बात यह है कि श्री जोशी एवं श्री राठौड़ का दावा ठुकरा कर भी पार्टी नेतृत्व ने श्री गहलोत के सबसे विश्वस्त मंत्रिमंडलीय सहयोगी शांति धारीवाल को कोटा उत्तर विधानसभा सीट से एक बार फिर टिकट से नवाजा है।
श्री धारीवाल अभी भी इस सीट से विधायक हैं और पिछली तीन बार में जब-जब श्री गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री बने तो वे उनके कैबिनेट में नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री रहे हैं। श्री धारीवाल का पिछला कार्यकाल तो अभूतपूर्व उपलब्धियों से भरा रहा, जब उन्होंने अकेले कोटा में चार हजार करोड़ रुपए के विकास कार्य करवा कर न केवल कोटा के लोगों का दिल जीत लिया। बल्कि पूरे राजस्थान में विकास की दृष्टि से करवाए गए सबसे अधिक कार्यो के कारण भी लोगों की नजरों में केंद्र बिंदु बन कर उभरे हैं।
संभवत मुख्यमंत्री श्री गहलोत के प्रयासों और कोटा के विकास के लिए करवाए कार्यों में उनके अभूतपूर्व योगदान की वजह से ही पार्टी आलाकमान ने तमाम नकारात्मकता को नकारते हुए एक बार फिर से श्री धारीवाल को कोटा उत्तर की ‘हॉट सीट’ पर बिठाया है, जहां उनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल से होना है जो पहले भी लगातार दो विधानसभा चुनाव यहां से लड़ चुके हैं।
वर्ष 2013 में श्री गुंजल ने श्री धारीवाल को चुनाव में हरा दिया था, लेकिन वर्ष 2018 में श्री धारीवाल एक बार फिर पूरे दमखम के साथ चुनाव मैदान में उतरे और श्री गुंजल को शिकस्त दी। इस बार भी इन दोनों परंपरागत प्रतिद्वंदी के बीच रोमांचक मुकाबला होने वाला है। जिसमें जनबल, धनबल, बाहुबल का जमकर प्रदर्शन देखने को मिलेगा।
श्री धारीवाल ने सोमवार दोपहर कोटा कलक्ट्री पहुंच कर अपना नामांकन पर्चा भरा, जबकि भाजपा के प्रत्याशियों की सूची में उनका नाम आने से पहले ही श्री गुंजल शनिवार को ही अपना नामांकन पर्चा भर चुके हैं और दोनों ही प्रत्याशियों ने नामांकन पर्चा भरने से पहले अपने ताकत का जमकर प्रदर्शन किया है।
शनिवार को भाजपा प्रत्याशी के रूप में श्री गुंजल कोटा उत्तर विधानसभा सीट से अपना नामांकन पर्चा दाखिल करने के लिए खेड़ली फाटक के पास स्थित नेहरू पार्क से रवाना हुए थे, तो उनके साथ उनके समर्थकों की विशाल भीड़ थी, जो पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच उनकी सशक्त मौजूदगी को दिखा रही थी। लेकिन इसके विपरीत सोमवार को नामांकन पर्चा भरने जाते समय अपनी ताकत का अहसास कराने से पहले ही श्री धारीवाल ने अपनी मजबूत पकड़ और लोकप्रियता का रविवार रात उस समय अहसास करवा दिया जब वे ट्रैन से कोटा रेलवे स्टेशन पर उतरे।
उनके स्वागत के लिए कोटा स्टेशन पर हजारों की तादाद में उनके समर्थक कार्यकर्ता बड़े उत्साह के साथ मौजूद थे। इतना अभूतपूर्व स्वागत इसके पहले कभी किसी भी राजनीतिक दल के प्रत्याशी का कोटा आगमन पर होते हुए नहीं देखा गया था। कार्यकर्ताओं ने बड़े उत्साह और उमंग के साथ जोशीले नारों के साथ श्री धारीवाल की अगवानी की और उन्हें एक बड़े जुलूस के साथ कोटा स्टेशन से सिविल लाइंस स्थित आवास पर लाया गया। रास्ते में जगह-जगह उनका जमकर स्वागत भी किया गया।