गांव कोटा विकास प्राधिकरण से मुक्त हों, धान का उचित मूल्य मिले, किसानों की मांग
कोटा। हाड़ौती किसान यूनियन की महत्वपूर्ण बैठक में किसान हितैषी लोगों को प्रत्याशी बनने की राजनीतिक दलों से मांग की गई है। गत दिवस भवानीपुरा में खेड़ा माताजी मंदिर पर आयोजित बैठक में यूनियन के महामंत्री दशरथ कुमार ने कहा कि कोटा विकास प्राधिकरण में शामिल गांवों को मुक्त करने के लिए आवाज बुलंद करना होगा और किसान प्रतिनिधियों को इसके लिए दबाव बनाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ग्राम सभाओं से बिना अनुमति लिए गुड़गांव को विकास प्राधिकरण में शामिल करना किसान हितों की अनदेखी है।हाड़ोती में 160000 हेक्टेयर में बासमती धान की खेती की गई जिसकी कीमत ₹800 प्रति क्विंटल कम मिल रही है। इससे किसानों को गत वर्ष के मुकाबले प्रति कुंतल ₹800 का नुकसान हो रहा है। सरकार की गलत निर्यात नीति के कारण किसानों को उनकी फसल के उचित दाम नहीं मिल रहे हैं।
बैठक में प्रधान शरणजीत सिंह, युवा किसान नेता गिरिराज गौतम, सूरजमल नागर, कुलवंत सिंह, भवरलाल चौधरी, पूर्व सरपंच रामगोपाल मीणा, नवीन श्रंगी, बृजमोहन गुर्जर, छोटू लाल काला, जगदीश वर्मा, बद्रीलाल बैरागी आदि ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों को किसान हितेषी उम्मीदवारों को ही पार्टी का टिकट देना चाहिए जो खेती-किसानी एवं गांव के लिए काम कर सके। राजनीतिक दल यदि किसानों और गांव के उत्थान की बात करते हैं तो वास्तविक किसान नेताओं को पार्टी का टिकट देना चाहिए।।
युवा नेता गिर्राज गौतम ने कहा संबंधित राजनीतिक दल बूंदी से टिकट देकर किसानों की भावनाओ का सम्मान करे। किसान नेताओं ने कहा कि केशोरायपाटन बूंदी और केशवरायपाटन के किसानों ने खेड़ा माता भवानीपुरा में महापंचायत कर किसानों के हितों के लिए संघर्ष करने वाले हर समय किसानों के साथ खड़े रहने वाले प्रत्याशी के लिए मंथन किया। जहा बड़ी संख्या में किसानों और युवाओं ने सर्व सम्मति और एक स्वर में युवा किसान नेता गिर्राज गौतम को अपना प्रत्याशी घोषित करते हुए कहा कि संबंधित राजनीतिक दल गिर्राज गौतम को टिकट देकर किसानों की भावनाओं का सम्मान करे।
किसानों ने तय किया की 1 नवंबर को किसान गिर्राज गौतम का नामांकन करवाएंगे। किसान नेताओं ने कहा की हर बार किसानों को चुनाव के समय केवल ठगा जाता है। उनके वोट लेकर उनकी समस्याओं को नजर अंदाज किया जाता है। क्षेत्र में चुनाव लडने वालों को किसान केवल वोट के समय ही याद आते हैं, इसीलिए इस बार उसे ही विधानसभा भेजेंगे जो हर समय किसानों के साथ रहता है।
गिर्राज गौतम ने अनशन और आंदोलन किया जिसके बाद नहरों में पानी छोड़ा गया, जिससे किसानों की फसलें बच पाई। 20 वर्षो से बंद शुगर मिल के आंदोलन का नेतृत्व भी वर्तमान में किसानों के साथ मिलकर गौतम ही कर रहे हैं, जिसके चालू होने से 70 हजार किसान परिवारों और हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा।
किसानों ने कहा की चाहे मंडी में किसान की समस्या हो नहरी पानी,खाद, बिजली, किसानों की हर समस्या के लड़ाई गिर्राज ने लड़ी है। अब हमारी बारी है किसानों का प्रतिनिधित्व विधानसभा में होना चाहिए। उन्होंने कहा की गिर्राज गौतम के बूंदी से चुनाव लड़ने की स्थिति में किसान के.पाटन समेत अन्य विधानसभाओं में भी निर्णायक भूमिका में रहेगा।