नई दिल्ली। World Economic Forum: राजनीतिक व वित्तीय अस्थिरता के बीच आने वाले वर्षों में वैश्विक जीडीपी में कमजोरी आने की आशंका है, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ती रहेगी। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के शुक्रवार को जारी सर्वे के मुताबिक, 10 में से 6 अर्थशास्त्रियों का मानना है कि विकसित देशों में आर्थिक अनिश्चितता बनी हुई है।
वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को पूरा करने की दिशा में प्रगति को कमजोर कर देगा। 74 फीसदी का कहना है कि भू-राजनीतिक तनाव का भी यही असर होगा।
90 फीसदी से अधिक अर्थशास्त्री दक्षिण एशिया खासकर भारत में मध्यम या मजबूत वृद्धि को लेकर आश्वस्त हैं। क्षेत्र में मजबूत वृद्धि की उम्मीद करने वालों की हिस्सेदारी पिछले सर्वे में 36 फीसदी थी, जो अब बढ़कर 52 फीसदी हो गई है।
विकासशील देशों के लिए बड़ी चुनौती
डब्ल्यूईएफ की प्रबंध निदेशक सादिया जाहिदी ने कहा, मुख्य अर्थशास्त्रियों की राय वैश्विक जीडीपी में कमजोरी की ओर इशारा करती है। यह विकासशील देशों के सामने आने वाली तत्काल चुनौतियों…सीमा पार निवेश और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है। 41 फीसदी अर्थशास्त्रियों को अगले तीन वर्षों में उन्नत और विकासशील देशों के बीच सहयोग बढ़ने की उम्मीद है। 30% ने कहा, दोनों जीडीपी के बीच निजी पूंजी प्रवाह भी बढ़ेगा।
चीन की जीडीपी को लेकर संभावनाएं कमजोर
रियल एस्टेट बाजार में महंगाई कम होने और नरम रुख के संकेतों से चीनी अर्थव्यवस्था को लेकर संभावनाएं कमजोर हुई हैं। मई के बाद से स्थिति मजबूत हुई है। 80% अर्थशास्त्रियों को 2023 व 2024 दोनों में मध्यम या मजबूत वृद्धि की उम्मीद है। 77 फीसदी अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि इस साल विकास दर कमजोर या बहुत कमजोर रहेगी।