मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर में लीडरशिप कॉन्क्लेव का आयोजन
उदयपुर। Mohanlal Sukhadia University Udaipur: लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर में “लीडरशिप कॉन्क्लेव” को सम्बोधित किया। इस अवसर पर श्री बिरला ने सर्वप्रथम वीरता, साहस, अध्यात्म और त्याग की धरती उदयपुर को नमन किया। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से ही भारत ने अध्यात्म, शिक्षा, विज्ञान, कला, साहित्य जैसे कई क्षेत्रों में विश्व को नेतृत्व दिया है, जिसमे राजस्थान की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
लोकतंत्र की जननी भारत का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने कहा की हज़ारों वर्ष पहले जब विश्व में लोकतंत्र के बारे में कोई जानता नहीं था उस समय भारत में लोकतंत्र स्थापित हो चुका था। उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र भारतीयों के विचारों और कार्यशैली में है और इसी कारण पूरा विश्व लोकतंत्र के परिप्रेक्ष्य में भारत की ओर बड़ी आशा की दृष्टि से देखता है।
भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सन्दर्भ में श्री बिरला ने कहा कि देश की स्वाधीनता की लड़ाई में विभिन्न विचारधाराओं के नेताओं ने मिलकर हिस्सा लिया और देश को आज़ादी दिलाने में सफलता प्राप्त की। उन्होंने विचार व्यक्त किया कि 75 वर्षों की अपनी लोकतान्त्रिक यात्रा में देश अपनी विविधताओं के बावजूद अगर एक है, तो लोकतंत्र के कारण है।
श्री बिरला ने कहा कि भारत लोकतंत्र और सक्षम नेतृत्व के आधार पर आज विश्व में सामाजिक, आर्थिक, वैज्ञानिक सभी क्षेत्रों में नेतृत्व कर रहा है। उन्होंने विचार व्यक्त किया कि भारतीय केवल भौतिक जीवन नहीं जीते, बल्कि अध्यात्म उनके जीवन के मूल में है।
उन्होंने कहा कि हर संकट, हर चुनौती का देश ने सामूहिकता से सामना किया है और इसी सामूहिक शक्ति के कारण आज भारत दुनिया के सर्वोच्च शिखर की ओर अग्रसर है। श्री बिरला ने देश में सामूहिकता की इस ऊर्जा का श्रेय भारत की प्राचीन संस्कृति और संस्कारों को दिया।
प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने कहा कि सबल, सक्षम एवं समर्थ नेतृत्व क्षमता के कारण आज सम्पूर्ण विश्व सभी समस्याओं के समाधान के लिए भारत की और देख रहा है। उन्होंने आगे कहा कि यह इस तथ्य का प्रतिबिंब है कि समर्थ और सशक्त नेतृत्व किस प्रकार देश को आगे बढ़ा सकता है।
भारत की युवा शक्ति का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने कहा कि आज भारत के युवा विश्व में सभी प्रोफेशंस में नेतृत्व कर रहे हैं। रिसर्च, इनोवेशन,जैसे सभी क्षेत्रों में भारत के युवाओं ने अपना सामर्थ्य सिद्ध किया है। उन्होंने कहा कि युवाओं की बौद्धिक क्षमता, आंतरिक ऊर्जा और अथक परिश्रम देश को उपलब्धियों के शिखर पर ले कर जा रहे है।
श्री बिरला ने गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि आज विश्व की सबसे अग्रणी कम्पनीज़ का नेतृत्व भारतीय युवा कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय युवाओं की बौद्धिक एवं नेतृत्व क्षमता को पूरे विश्व ने माना है जिसके कारण भारत के युवा डाटा साइंस, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स, फिनटेक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी उभरती हुए प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।
श्री बिरला ने ज़ोर देकर कहा कि नेतृत्व वही दे सकता है, जो इनोवेशन को बढ़ावा दे सके, विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों को प्रेरित कर सके और बदलते परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव ला सके। उन्होंने आगे कहा कि युवाओं पर भारत के भविष्य का दायित्व है और बदलते परिप्रेक्ष्य में, जब देश एक वैश्विक शक्ति बन रहा है, तब भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए युवा वर्ग के नेतृत्व क्षमता की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
श्री बिरला ने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि भारत को ऐसे युवाओं की आवश्यकता है, जो देश की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता और प्रौद्योगिकी को अपनाकर; पर्यावरण का संरक्षण करते हुए शासन संबंधी सभी चुनौतियों का इनोवेटिव समाधान दे।
उन्होंने कहा कि बदलते परिप्रेक्ष्य में भविष्य के नेताओं को दूरदर्शी सोच, सक्रियता, भावनात्मक दृष्टिकोण, तकनीकी दक्षता, नैतिक निर्णय लेने की क्षमता और साथ मिलकर काम करने की क्षमता आवश्यक होगी ताकि आने वाली चुनौतियों का पूर्व आकलन कर उनके समाधान के लिए कार्य किए जा सके।
श्री बिरला ने ज़ोर देते हुए कहा कि देश और समाज को ऐसे नेताओं को तैयार करने की आवश्यकता है, जो समृद्ध, समावेशी और सशक्त भारत के विकास में अपना योगदान देते हुए भविष्य की चुनौतियों का समाधान कर सकें।
श्री बिरला ने आशा व्यक्त की कि आज के युवा अपनी विरासत को साथ लेकर आधुनिकता के रास्ते पर आगे बढ़ेंगे तथा विकासवादी सोच और सबके सहयोग एवं प्रयास के साथ तरक्की करेंगे। इस अवसर पर राजस्थान विधान सभा के अध्यक्ष, डॉ. सी.पी. जोशी समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।