कोटा के श्रीनाथपुरम में बनेगा संविधान पार्क, गनमेटल की अंबेडकर प्रतिमा लगेगी

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लोकसभा अध्यक्ष ने किया प्रस्तावित संविधान पार्क के लिए चिन्हित स्थल का निरीक्षण

कोटा। Constitution Park Kota: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को कोटा के श्रीनाथपुरम में प्रस्तावित संविधान पार्क के लिए चिन्हित स्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा भी उपस्थित रहे। बिरला ने पार्क के स्वरूप, उद्देश्य और सुविधाओं को लेकर अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की और उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह पार्क कोटा में संविधान की मूल भावना, उसके सिद्धांतों और सामाजिक न्याय के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने का माध्यम बनेगा।

संविधान जागरूकता और प्रेरणा का केंद्र बनेगा पार्क
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि भारत का संविधान न केवल एक दस्तावेज है, बल्कि यह हमारे लोकतंत्र की नींव और सामाजिक न्याय का आधार है। संविधान पार्क का उद्देश्य यही है कि यह आने वाली पीढ़ी को न केवल अपने अधिकारों की जानकारी दे, बल्कि अपने कर्तव्यों के प्रति भी सजग बनाए। यह पार्क हमारे संविधान की ऐतिहासिक यात्रा और उसके निर्माण में योगदान देने वाली महान विभूतियों को सम्मान देने के साथ-साथ लोकतांत्रिक मूल्यों की शिक्षा भी प्रदान करेगा।

ऐसा होगा पार्क का स्वरूप
इस पार्क का कुल क्षेत्रफल 12,000 वर्ग मीटर होगा, जिसमें आगंतुकों का स्वागत एक भव्य प्रवेश द्वार से किया जाएगा, जिस पर संविधान की प्रस्तावना के शब्द ‘न्याय, समानता और बंधुता’ उकेरे जाएंगे। इसके बाद आगंतुक संविधान निर्माण की ऐतिहासिक घटनाओं से परिचित होंगे, जो 20 फीट ऊँची दीवार पर चित्रित की जाएंगी। पार्क में एक “संविधान कालरेखा पथ” होगा, जिस पर संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों और तथ्यों की जानकारी दी जाएगी। साथ ही, “मौलिक अधिकार मार्ग” में मौलिक अधिकारों को शिल्प और मूर्तिकला के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा।

पार्क में एक भव्य अशोक स्तंभ की प्रतिमा होगी, जो पूरे परिसर में दृश्यात्मक रूप से जुड़ी रहेगी। बिरला ने निर्देश दिया कि पार्क के केंद्र में डॉ. भीमराव अंबेडकर की एक गनमेटल से बनी पूर्ण आकार की प्रतिमा स्थापित की जाएगी, जो संविधान के प्रति श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक होगी।

समावेशिता और हरियाली पर विशेष ध्यान
पार्क में मौजूदा हरियाली का संरक्षण किया जाएगा, और आक्रामक प्रजातियों जैसे कीकर और बबूल को हटाया जाएगा। आगंतुकों की सुगम आवाजाही के लिए 10 से 12 फीट चौड़ी पगडंडियाँ बनाई जाएंगी, साथ ही सभी साइन बोर्डों पर ब्रेल लिपि का समावेश किया जाएगा। पार्क में दिव्यांगजन के लिए एक समर्पित पार्क भी होगा, जिसमें ओपन जिम, कैफेटेरिया और विश्राम की सुविधाएँ दी जाएंगी।

कोटा को मिलेगी नई सांस्कृतिक पहचान
बिरला ने कहा कि कोटा केवल एक शैक्षिक नगरी ही नहीं, बल्कि संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रचारक भी बन सकता है। यह पार्क छात्रों, शोधार्थियों, पर्यटकों और नागरिकों के लिए एक प्रेरणादायी स्थल बनेगा, जहाँ वे न केवल संविधान के महत्व को समझेंगे, बल्कि उस पर आधारित अपने कर्तव्यों को भी महसूस करेंगे।

इस अवसर पर कोटा विकास प्राधिकरण के सचिव के के कोठारी, अधीक्षण अभियंता अजय कुमार शर्मा, अधिशासी अभियंता पंकज कुशवाहा, परामर्शदाता शुभम गोयल और अन्य अधिकारीगण तथा स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।