फ्यूल सरचार्ज को लेकर पूरे राज्य में आक्रोश
कोटा। दी एसएसआई एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने बिजली के बिलों में बढ़ाए गए फ्यूल सरचार्ज को वापस लेने की मांग को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री के नाम एक ज्ञापन आज जिला कलेक्टर ओपी बुनकर को सौंपा |
प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलेक्टर को बताया कि जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा 27 अप्रैल के प्रपत्र में 45 पैसे प्रति यूनिट का फ्यूल सरचार्ज जोड़कर बिल जारी किए गए हैं। यह सरचार्ज गत वर्ष के फ्यूल सरचार्ज के रूप में सभी उपभोक्ताओं के बिजली बिलों में जोड़ कर भेजा गया है।
साथ ही आने वाले बिलों में हर 3 माह में बिजली उपभोग पर 45 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज लगा कर बिल भेजे जायेंगे। उन्होंने बताया कि फ्यूल सरचार्ज के नाम पर 45 पैसे प्रति यूनिट जो राशि जोड़ी गई है, वह न केवल अव्यवहारिक है। बल्कि आज तक की जोड़ी गई सर्वाधिक राशि है। इसमें वैधानिक रूप में भी कई खामियां हैं।
सभी बिजली उपभोक्ताओं पर उनके उपभोग के अनुसार ₹1000 से लेकर ₹40 लाख तक का अतिरिक्त फ्यूल सरचार्ज की राशि अप्रैल के बिजली के बिलों में जोड़कर भेजी गई है। इसमें तकनीकी खामी तो यह है कि पूर्व वर्ष में उपयोग की गई बिजली पर भी फ्यूल सरचार्ज लगाकर भेजने वाली रकम की भरपाई उद्यमी किस तरह से करेगा। यह समझ से परे है।
प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलेक्टर को बताया कि उद्योगों में तो कई छोटे छोटे एवं मध्यम उद्योगों पर 20000 से लेकर 40 लाख तक की राशि बिजली के बिलों में जोड़कर भेजी गई है, जबकि उस समय की बिजली की दर के अनुसार ही उद्यमी अपने उत्पादन का आकलन करके उसी अनुपात में माल की बिक्री कर चुका है। तो वह इस अनावश्यक भार को किस प्रकार चुका पाएगा ।
कोटा व्यापार महासचिव अशोक माहेश्वरी ने बताया कि इस बढ़ी हुई राशि को न तो घरेलू उपभोक्ता समझ पा रहा है और न छोटे से छोटे एवं मध्यम वर्ग का व्यापारी और उद्यमी। इस असमंजस की स्थिति को देखते हुए रोजाना सैकड़ों व्यापारियों और उद्यमियों के फोन हमारे पास आ रहे हैं, जो हकीकत को जानकर अपना आक्रोश इस वसूली के प्रति व्यक्त कर रहे हैं ।
दी एसएसआई एसोसिएशन के अध्यक्ष अमित सिंघल ने बताया कि राज्य भर के उद्यमी इस बढ़ोतरी का विरोध कर रहे हैं। जब तक फ्यूल सरचार्ज को वापस नहीं लिया जाएगा, तब तक उद्यमी बिजली के बिल जमा नहीं कराने से लेकर आगे की आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। कोटा के साथ-साथ रामगंज मंडी, झालावाड़ एवं झालरापाटन के उद्यमियों की संस्थायें भी बिजली के बिल जमा नहीं कराने का निर्णय ले चुकी हैं ।
जिला कलेक्टर ओपी बुनकर ने प्रतिनिधिमंडल की बात को गंभीरता से लेते हुए कहा कि आपके पत्र मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मन्त्री तक पहुंचा दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि व्यापारी, उद्यमी एवं आमजन के हितों की रक्षा के लिए राज्य सरकार निश्चित इस मसले का हल निकाल कर राहत पहुंचाएगी।
प्रतिनिधिमंडल मे सलाहकार बोर्ड के निदेशक एवं कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी, अध्यक्ष अमित सिंघल, सचिव अक्षय सिंह एवं लघु उद्योग भारती के पूर्व अध्यक्ष मनोज राठी शामिल थे।