कोर्ट ने कहा, तत्काल रिहाई की जाये
इस्लामाबाद। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान को बड़ी राहत देते हुए गिरफ्तारी को “अवैध” घोषित किया और पीठ के समक्ष पेश किए जाने के बाद उनकी तत्काल रिहाई का आदेश दे दिया। 70 वर्षीय खान को पेश करने का आदेश तीन सदस्यीय पीठ ने जारी किया था, जिसमें पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल, न्यायमूर्ति मुहम्मद अली मजहर और न्यायमूर्ति अतहर मिनल्लाह शामिल थे।
अल-कादिर ट्रस्ट मामले में इमरान की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करने वाली पीठ ने खान को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के परिसर से हिरासत में लेने के तरीके पर गुस्सा व्यक्त किया। पीठ ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) को खान को शाम साढ़े चार बजे (स्थानीय समय) तक पेश करने का निर्देश दिया था।
कड़ी सुरक्षा के बीच खान को अदालत में पेश किया गया। जब उन्होंने अदालत कक्ष में प्रवेश किया, तब तक कक्ष बंद था, उनके आने के बाद ही पीठ ने मामले की सुनवाई फिर से शुरू की। मुख्य न्यायाधीश बंदियाल ने खान से कहा, “आपको देखकर अच्छा लगा।” शीर्ष न्यायाधीश ने कहा, “हम मानते हैं कि इमरान खान की गिरफ्तारी अवैध थी।”
उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय को शुक्रवार को मामले की सुनवाई करनी चाहिए। न्यायाधीश ने कहा, “उच्च न्यायालय जो भी फैसला करेगा, आपको उसे स्वीकार करना होगा।” बांदियाल ने यह भी कहा कि कानून व्यवस्था सुनिश्चित करना हर राजनेता की जिम्मेदारी है।
इससे पहले दिन में बंदियाल ने पूछा कि किसी व्यक्ति को अदालत परिसर से कैसे गिरफ्तार किया जा सकता है। न्यायमूर्ति मिनल्लाह ने पाया कि खान ने वास्तव में अदालत परिसर में प्रवेश किया था। उन्होंने पूछा, “न्याय के अधिकार से किसी को कैसे वंचित किया जा सकता है?”
अदालत ने यह भी कहा कि अदालत के रजिस्ट्रार की अनुमति के बिना किसी को भी अदालत से गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। यह भी पाया गया कि जिस तरह से गिरफ्तारी हुई वह न्याय से वंचित रखने के समान थी, न्याय पाना हर नागरिक का अधिकार है।
यह भी कहा कि अदालत के परिसर में प्रवेश करने का मतलब अदालत में आत्मसमर्पण करना है और आत्मसमर्पण के बाद किसी व्यक्ति को कैसे गिरफ्तार किया जा सकता है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “अगर एक व्यक्ति ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया, तो उन्हें गिरफ्तार करने का क्या मतलब है?”
खान के वकील हामिद खान ने अदालत को सूचित किया कि उनके मुवक्किल ने पूर्व-गिरफ्तारी जमानत के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन अर्धसैनिक रेंजरों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। वकील ने कहा, “रेंजरों ने इमरान खान के साथ दुर्व्यवहार किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया।”
अदालत ने खान को गिरफ्तार करने के लिए करीब 90 से 100 रेंजर्स कर्मियों के अदालत में प्रवेश करने का भी संज्ञान लिया। मुख्य न्यायाधीश ने पूछा, “अगर 90 लोग परिसर में प्रवेश करते हैं तो अदालत की क्या गरिमा रहेगी? किसी व्यक्ति को अदालत परिसर से कैसे गिरफ्तार किया जा सकता है?”
मुख्य न्यायाधीश बांदियाल ने भी इस बिंदु पर कहा कि राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ने “अदालत की अवमानना” की है। उन्होंने कहा, “गिरफ्तारी से पहले उन्हें अदालत के रजिस्ट्रार से अनुमति लेनी चाहिए थी। कोर्ट के कर्मचारियों के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया।” खान को मंगलवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से गिरफ्तार किया गया था और बुधवार को एक जवाबदेही अदालत ने उन्हें अल-कादिर ट्रस्ट मामले के संबंध में आठ दिनों के लिए राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो को सौंप दिया था।
इमरान ने कहा, आतंकी जैसा बर्ताव किया
इमरान ने रिहाई का आदेश सुनते हुए जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें लाठियों से पीटा गया और आतंकी जैसा बर्ताव किया गया। इमरान ने एक बार फिर से पाकिस्तान में जल्द चुनाव करवाने की मांग की। इमरान को कोर्ट से पुलिस लाइन गेस्ट हाउस ले जाया गया। यहीं से शुक्रवार को इमरान को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया जाएगा।