बिजली के बिलों में फ्यूल सरचार्ज का विरोध, उद्यमी नहीं जमा कराएंगे बिल

0
89

मुख्य अभियंता को ज्ञापन सौंप कर दी एसएसआई एसोसिएशन ने बताया अपना निर्णय

कोटा। दी एसएसआई एसोसिएशन की आपातकालीन आम सभा की बैठक आज पुरुषार्थ भवन के अमृत सभागार पर संपन्न हुई। आमसभा में सभी ने सर्वसम्मति से बिजली बिलों में फ्यूल सरचार्ज के नाम पर 45 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी को अवैध मानते हुए बिजली के बिल जमा नहीं करने का निर्णय लिया है। बैठक में यह भी तय किया कि यह बढ़ोतरी वापस नहीं ली जाती है तब तक कोई भी उद्यमी अपने बिल जमा नहीं कराएगा।

बैठक के बाद सभी उद्यमियों का एक प्रतिनिधिमंडल नयापुरा स्थित राजस्थान राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कार्यालय गया। वहा संभागीय मुख्य अभियंता आरके जायसवाल को ज्ञापन सौंपा एवम् उद्यमियों बिजली के बिल जमा नहीं कराने के निर्णय से अवगत कराया। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि राज्य सरकार तक उद्यमियों की बात पहुंचा कर इस बढ़ोतरी को तुरंत वापस लिया जाय।

उन्होंने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी और कहा कि जब तक यह बढ़ोतरी वापस नहीं ली जाएगी तब तक हाड़ौती क्षेत्र का कोई भी उद्यमी अपने बिजली के बिल जमा नहीं करेगा। पदाधिकारियों ने इस बात की भी चेतावनी दी कि अगर किसी भी उद्यमी के साथ विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही की गई तो उद्यमी उसका संगठित होकर मुकाबला करेंगे ।

इससे पहले बैठक को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष गोविंद राम मित्तल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा इस माह के बिजली बिलों में फ्यूल सरचार्ज के नाम पर 45 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी करके बिल वितरित किए गए हैं। बिजली के बिलों में हजारों से लेकर लाखों रुपए तक का फ्यूल सरचार्ज के नाम पर राशि बिजली के बिलों में जुड़ कर आई है, जो पूर्णतया असंवैधानिक एवं तर्कसंगत नहीं है।

मित्तल ने कहा कि एक तरफ तो सरकार सभी उपभोक्ताओं को 100 यूनिट प्रतिमाह मुफ्त बिजली देने की घोषणा कर रही है। जबकि इस तरह की फ्यूल सरचार्ज की बढ़ोतरी से कोई भी उपभोक्ता नहीं बच पा रहा है। जितनी उपभोक्ताओं को छूट दी गई है, उससे कहीं अधिक की राशि फ्यूल सरचार्ज के नाम पर बिजली के बिलों में जोड़कर भेजी गई है। अतः हम सभी को सरकार पर दबाव बना बनाकर इसे शीघ्र वापस लेने की मांग करनी हैं।

एसोसिएशन के सलाहकार बोर्ड के निदेशक एवं कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने कहा कि कोटा में जो फ्यूल सरचार्ज की राशि वर्तमान बिलों में लगकर आइ है वह पिछले वर्ष की है और अब हर तिमाही में यह राशि बिलों में जुड़ कर आएगीकि इस तरह की बढ़ोतरी से उद्यमियो के साथ साथ व्यापारियों व आमजन को भी भारी आर्थिक नुकसान होगा और उनका बजट चरमरा जाएगा।

माहेश्वरी ने कहा कि पूरे देश में राजस्थान की बिजली दरें पहले ही सर्वाधिक है। जब सोलर प्लांट से उत्पादित बिजली को सरकार द्वारा 2 रुपये 30 पैसे के हिसाब से उपभोक्ताओं को दिया जाता है, जबकि उससे 4 गुना अधिक दाम पर उपभोक्ताओं से बिजली की राशि वसूल की जाती है। यह कहां तक उचित है।  राज्य सरकार  विराट जनहित को देखते हुए तुरंत प्रभाव से इस बढ़ोतरी को वापस लेकर आमजन को राहत पहुंचाए। 

अध्यक्ष अमित सिंघल, सचिव अक्षय सिंह ने बताया कि इससे सभी उद्यमियो में भारी आक्रोश है। उन्होंने सभी व्यापारियों उद्यमियों एवं आमजन से आग्रह किया है कि यह बढ़ोतरी सभी वर्गों पर कुठाराघात है, जिसको सभी वर्गों को संगठित होकर इसका विरोध करना चाहिए। 

बैठक में कोटा स्टोन स्माल स्केल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन रामगंजमंडी के संरक्षक यतीश अग्रवाल, अध्यक्ष प्रहलाद बैंसला, उपाध्यक्ष गोपाल गर्ग ने कहा कि कोटा स्टोन का व्यवसाय पहले ही भारी आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है, रामगंज मंडी क्षेत्र में घाटे के कारण कई यूनिट बंद हो गई है।  ऐसे में फ्यूल सरचार्ज  के नाम पर भुगतान करना हमारे लिए बिल्कुल असम्भव है। 

बैठक में एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष देवेंद्र कुमार जैन, अचल पौद्दार, मनीष माहेश्वरी, राजेन्द्र कुमार जैन, पवन मूंदड़ा, अनीष बिरला सहित कई पूर्व अध्यक्ष सचिव व पदाधिकारियो ने भी भाग लिया।