संसद के साथ देखी लाल किले की वह प्राचीर जहां पीएम झण्डा फहराते हैं

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समझ संसद की विजेता बेटियों के लिए यादगार बनी दिल्ली यात्रा

कोटा। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला की पहल पर आयोजित समझ संसद की प्रतियोगिता के विजेता बेटियों के लिए दिल्ली यात्रा अविस्मरणीय बन गई। इन बेटियों ने संसद के साथ लाल किला तथा वहां मौजूद वह प्राचीर भी देखी जहां प्रधानमंत्री 15 अगस्त को राष्ट्र ध्वज फहराते हैं। बालिकाओं ने राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र की भी यात्रा की जहां उन्हें स्वच्छ भारत अभियान के बारे में विस्तार से जानने को मिला।

संसदीय क्षेत्र कोटा.बूंदी के स्कूली विद्यार्थी लोकतांत्रिक परम्पराओं को और निकट से समझें तथा उनमें देश के संसदीय इतिहास के प्रति गर्व की भावना और अधिक सशक्त हो इस उद्देश्य से स्पीकर बिरला की पहल पर समझ संसद की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था।

इस प्रतियोगिता के विजेताओं का तीसरा दल मंगलवार देर रात पहुंचा था। इस रानी झांसी दल में कोटा ग्रामीण क्षेत्र की 127 बालिकाएं शामिल हैं। दल ने बुधवार सुबह सबसे पहले लाल किला देखा। वहां उन्हें आजादी के दीवाने संग्रहालय, मीना बाजार तथा अन्य जगहें देखने को मिलीं। लेकिन बालिकाओं को सबसे अधिक आनंद उस प्राचीर को देखने में आया जहां से प्रधानमंत्री हर वर्ष 15 अगस्त को राष्ट्र ध्वज फहराते हैं।

इसके बाद बालिकाओं ने राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र की यात्रा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चलाए गए स्वच्छ भारत अभियान की प्रत्येक उपलब्धि का यह केंद्र गवाह है। यहां बालिकाओं ने स्वच्छता का महत्व तो जाना ही साथ ही यह भी समझा कि देश की प्रगति में भी स्वच्छता का कितना बड़ा योगदान है। इसके अलावा उन्हें उन सभी कार्यक्रमों की भी जानकारी मिली जिसके माध्यम से देश के स्वच्छता को प्रोत्साहित किया जा रहा है। दोपहर बाद में बालिकाओं ने संसद का भ्रमण किया। यहां उन्होंने लोक सभा, राज्य सभा तथा सेंट्रल हॉल देखा।

नया संसद भवन हमारी आत्मनिर्भरता का प्रतीक
संसद भ्रमण के दौरान बालिकाओं ने लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला से भी भेंट की। बिरला ने इन बेटियों को उनकी सफलता के लिए बधाई दी और कहा कि वे खूब पढ़ें और अपने परिवार, प्रदेश तथा देश का नाम रोशन करें। बिरला ने उन्हें संसद के वर्तमान भवन और नए भवन के बारे में भी बहुत सी बातें बताईं। बिरला ने कहा कि वर्तमान भवन को सौ वर्ष पूरे हो रहे हैं। यह ब्रिटिश हुकूमत के दौरान बना था। संसद का नया भवन उभरते भारत के सामर्थ्य और हमारी आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।

बेटियों ने कहा यह दिन हमेशा याद रहेगा
संसद तथा राष्ट्रीय महत्व के अन्य स्मारक देखने के बाद बेटियों ने कहा कि यह दिन उनके जीवन का सबसे यादगार दिन रहेगा। उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि इन स्मारकों को वे इतना निकट से देख पाएंगे और इनके बारे में इतनी जानकारी जुटा पाएंगे। संसद में भी स्पीकर बिरला ने उनका बड़ा आत्मीयता से स्वागत किया। संसद के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी उन्हें अपने परिवार के सदस्यों की तरह स्नेह दिया।

गुरूवार को कल्पना चावला दल देखेगा संसद
उधर, बुधवार को कोटा से समझ संसद की प्रतियोगिता के विजेताओं का चौथा दल दिल्ली के लिए रवाना हुआ। इस कल्पना चावला दल में लाडपुरा ब्लॉक को छोड़ कोटा शहर की 137 बालिकाएं हैं। यह दल गुरूवार को संसद भवन तथा राष्ट्रीय महत्व के अन्य स्मारक देखेगा। सोगरिया स्टेशन पर वरिष्ठ समाजसेवी और कोटा उपभोक्ता होलसेल भण्डार लि के अध्यक्ष हरिकृष्ण बिरला ने उन्हें शुभकामनाएं देकर रवाना किया।