ऐतिहासिक स्वरूप बरकरार रख होगा कंसुआ धाम का विकास: स्पीकर बिरला

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चारचौमा मंदिर और अबली मीणी महल के लिए बनेगी कार्ययोजना

कोटा। कंसुआ स्थित महर्षि कण्व की तपोभूमि कर्णेश्वर महादेव के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्वरूप को बरकरार रखते हुए परिसर का विकास किया जाएगा। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के निर्देश पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण इसके साथ चारचौमा स्थित चौमेश्वर महादेव मंदिर और दरा स्थित अबली मीणी के महल के लिए कार्ययोजना तैयार करेगा। बिरला ने शनिवार को विभाग के अधिकारियों के साथ कंसुआ धाम का निरीक्षण भी किया।

कर्णेश्वर महादेव मंदिर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक-आध्यात्मिक संस्कृति का प्रतीक है। 8वीं शताब्दी (738 ई) में इस मंदिर का निर्माण राजा शिवगण द्वारा करवाया गया था। यहां लिखे शिलालेख के अनुसार महर्षि कण्व के आश्रम में ही हस्तिनापुर के राजा दुष्यंत की पत्नी शकुंतला ने पुत्र भरत का लालन-पालन किया, जिनके नाम पर बाद में देश का नाम भारत पड़ा। वर्ष 1696-97 में महाराव किशोर सिंह प्रथम ने इसका जीर्णाेद्धार करवाया था। लेकिन समय के साथ यहां का स्वरूप ढलता चला गया।

इस मंदिर के ऐतिहासिक महत्व तथा मंदिर के प्रति लोगों की आस्था को देखते हुए स्पीकर बिरला ने यहां का वैभव पुनः बहाल करने के प्रयास प्रारंभ किए हैं। बिरला ने शनिवार को लाडपुरा विधायक कल्पना देवी, पूर्व विधायक हीरालाल नागर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों के साथ मंदिर का निरीक्षण किया।

बिरला ने अधिकारियों से कहा कि मंदिर का ऐतिहासिक स्वरूप बरकरार रखते हुए इसे हेरीटेज लुक दिया जाए। मंदिर के भीतर भी आवश्यक रखरखाव हो। मंदिर के शीर्ष पर एक विशाल ध्वज स्थापित किया जाए तथा वहां भी हेरीटेज लुक देने वाला पत्थर लगाया जाए।

मंदिर के प्रवेश द्वार पर लगाए गए लोहे के दरवाजे की जगह पत्थर कर दरवाजा लगाया जाए। जहां-जहां भी लोहे की जालियां लगाई गई हैं वहां भी पत्थर की जालियां लगाई जाएं। इससे मंदिर की शोभा में वृद्धि होगी। मंदिर के प्रवेश द्वार के आसपास तथा सम्पूर्ण परिसर में प्रकाश के भी समुचित इंतजाम किए जाएं। मंदिर परिसर से अतिक्रमण भी हटाए जाएं।

कुण्ड की करवाएं सफाई
स्पीकर बिरला ने मंदिर परिसर में बने कुण्ड कर स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की। बिरला ने कहा कि कुण्ड में जल का प्राकृतिक स्रोत है, लेकिन पिछले कुछ समय से से इसके बहाव में बाधा उत्पन्न होने से जल प्रदूषित हो चुका है। जल के प्रवाह के समुचित इंतजाम कर इस कुण्ड की सफाई करवाई जाए ताकि यहां बाने वाले लोगों को पहले की तरह स्वच्छ जल मिल सके।

बटुक भैरव मंदिर का भी होगा विकास
मंदिर परिसर में बने बटुक भैरव मंदिर के विकास के लिए भी स्पीकर बिरला ने अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मंदिर में व्यापक विकास कार्य करवाए जाएं जिससे वहां आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी नहीं हो।

भगवान शिव के किया जलाभिषेक
इस दौरान स्पीकर बिरला ने मंदिर में भगवान शिव के जलाभिषेक किया। उन्होंने भोलेेनाथ को नमन करते हुए सबके उत्तम स्वास्थ्य, देश की प्रगति तथा विश्व के कल्याण की कामना की।

चारचौमा और अबली मीणा महल का भी प्लान बनेगा
कंसुआ धाम के साथ चौमेश्वर महादेव मंदिर और अबली मीणी महल के विकास के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण प्लान तैयार करेगा। 7वीं शताब्दी में बने चौमेश्वर महादेव मंदिर के साथ अनेक जनश्रुतियां जुड़ी हैं तथा यह आस्था का एक प्रमुख केंद्र है।