वैश्विक संकट का असर भारत की बैंकिंग और वित्तीय प्रणाली पर नहीं: शक्तिकांत दास

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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि भारत की वित्तीय प्रणाली अमेरिका और स्विट्जरलैंड के हालिया घटनाक्रमों से पूरी तरह अछूती है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर ने गुरुवार को वाशिंगटन में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वैश्विक स्तर पर अमेरिका और स्विट्जरलैंड में बैंकिंग प्रणाली में हालिया घटनाक्रमों ने वित्तीय स्थिरता और बैंकिंग क्षेत्र की स्थिरता के महत्व को एक बार फिर उजागर किया है।

शक्तिकांत दास केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक में शामिल होने के लिए वाशिंगटन पहुंचे थे। सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने से संबंधित एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अमेरिका और स्विट्जरलैंड में बैंकों की विफलताओं से जुड़ी घटनाक्रमों ने स्वाभाविक रूप से पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। उन्होंने कहा, ‘जहां तक भारत का सवाल है, भारतीय बैंकिंग प्रणाली, भारतीय वित्तीय प्रणाली अमेरिका या स्विट्जरलैंड में हुए घटनाक्रमों से पूरी तरह अछूती है। हमारी बैंकिंग प्रणाली लचीली, स्थिर और स्वस्थ है।

उन्होंने कहा, ‘बैंकिंग से संबंधित मापदंड, चाहे वह पूंजी पर्याप्तता हो, तनावग्रस्त परिसंपत्तियों का प्रतिशत हो, व्यक्तिगत और प्रणालीगत स्तर पर अलग-अलग बैंकों की तरलता का कवरेज अनुपात हो या प्रावधान कवरेज अनुपात, बैंकों के शुद्ध ब्याज मार्जिन का मामला हो या बैंकों की लाभप्रदता इन सभी पैरामीटर पर भारतीय बैंकिंग प्रणाली अब भी बहुत स्वस्थ बनी हुई है।

शक्तिकांत दास ने कहा कि जहां तक भारतीय रिजर्व बैंक का सवाल है, पिछले कुछ वर्षों में हमने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों सहित पूरी बैंकिंग प्रणाली के अपने विनियमन और पर्यवेक्षण में काफी सुधार किया और सख्ती बरती है। रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि निगरानी (नियामकों) का फोकस कमजोरियों की जल्द से जल्द पहचान करने पर होना चाहिए, न कि संकट के बढ़ने का इंतजार करने पर।