नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष में भारत का व्यापारिक आयात करीब 16 प्रतिशत बढ़कर 710 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है। आर्थिक विचार समूह ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने बुधवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि कच्चा तेल, कोयला, हीरा, रसायन एवं इलेक्ट्रॉनिक्स के आयात में वृद्धि इसकी वजह है।
जीटीआरआई ने कहा कि कमजोर वैश्विक मांग और बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में मंदी से भारत की अर्थव्यवस्था मामूली रूप से प्रभावित हो सकती है।भारत के कुल व्यापारिक आयात में 82 प्रतिशत हिस्सेदारी छह उत्पाद श्रेणियों की है जिनमें हैं पेट्रोलियम, कच्चा तेल, कोयला, कोक, हीरा, कीमती धातु, रसायन, दवा, रबड़, प्लास्टिक, इलेक्ट्रॉनिक्स और मशीनरी।
जीटीआरआई के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘मार्च 2023 में खत्म होने जा रहे चालू वित्त वर्ष में भारत का व्यापारिक आयात 710 अरब डॉलर को छू सकता है। यह 2021-22 के 613 अरब डॉलर की तुलना में करीब 15.8 प्रतिशत अधिक है।’’ श्रीवास्तव ने कहा कि पेट्रोलियम आयात का अनुमानित मूल्य 210 अरब डॉलर होगा और इसमें कच्चा तेल तथा एलपीजी भी शामिल है।
उन्होंने बताया, ‘‘बीते वित्त वर्ष की तुलना में कच्ची सामग्री का आयात 53 प्रतिशत बढ़ गया। बीते एक वर्ष में रूस से आयात 850 प्रतिशत बढ़ गया।’’ वहीं 2022-23 में कोक और कोयले का आयात 51 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। भारत कोकिंग कोल और थर्मल कोल दोनों का आयात करता है।
रिपोर्ट में कहा गया कि कोकिंग कोल का आयात चालू वित्त वर्ष में 20.4 अरब डॉलर के पार जा सकता है जो पिछले वर्ष की तुलना में 87 प्रतिशत अधिक होगा और थर्मल कोल 105 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 23.2 अरब डॉलर पर पहुंच सकता है। भारत का हीरा आयात 27.3 अरब डॉलर रहने का अनुमान है।