कोटा के दशहरा मैदान में एमएसएमई प्रदर्शनी व मेला आज से

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तीन दिन तक लोगों के लिए ज्ञान, मनोरंजन और खरीददारी का बनेगा केंद्र

कोटा। दशहरा मैदान में तीन दिवसीय एमएसएमई प्रदर्शनी व मेला शनिवास से प्रारंभ होगा। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला तथा केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे विजय श्री रंगमंच पर सुबह 11 बजे आयोजित कार्यक्रम में मेले का उद्घाटन करेंगे। मेले के माध्यम से दशहरा मैदान अगले तीन दिनों तक ज्ञान, मनोरंजन और खरीदारी का केंद्र बना रहेगा।

कोटा-बूंदी सहित सम्पर्ण हाड़ौती में उद्यमिता, आत्मनिर्भरता और स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने की पहल के तहत स्पीकर ओम बिरला की पहल पर केंद्रीय एमएसएमई मंत्रालय द्वारा एसएसआई एसोसिएशन कोटा के सहयोग से इस मेले का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य क्षेत्र के उद्यमियों और युवाओं को नवाचारों से जोड़ते हुए उनमें कौशल विकास व सामर्थ्य विकसित करना है ताकि वे आर्थिक विकास में सहभागी बन सकें।

मेले में देश भर से 300 से अधिक एमएमएमई उद्यमी भाग ले रहे हैं। इनमें इंजीनियरिंग क्षेत्र में कार्यरत एमएसएमई के अलावा स्टार्टअप्स, खादी एवं ग्रामोद्योग, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्कारण, विदेश निर्यात, कोयर बोर्ड से जुड़े एमएसएमई शामिल हैं। इन एमएसएमई के माध्यम से लोगों को इस क्षेत्र की देश की आर्थिक प्रगति में योगदान की झलक भी दिखाई देगी।

आंखों से बनते देख सकेंगे खादी और कागज
एमएसएमई मेले में आने वाले लोगों के लिए एक विशेष आकर्षण भी होगा। यहां लोग अपनी आंखों के सामने खादी का कपड़ा और कागज बनते हुए देख सकेंगे। कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी भारत सरकार की संस्था पीड़ा द्वारा मेले में कई स्टॉल लगाए जा रहे हैं। इन्हीं स्टॉल में खादी का कपड़ा और कागज बनाने की प्रक्रिया भी प्रदर्शित की जाएगी।

मेले में मनोरंजन और शॉपिंग भी
मेले के मुख्य संयोजक राकेश जैन तथा एसएसआई एसोसिएशन के अध्यक्ष राजकुमार जैन ने बताया कि एमएसएमई मेले में आने वाले लोग यहां प्रदर्शित उत्पादों को देखने के साथ अपने पसंद के उत्पादों को खरीद भी सकेंगे। मेले में आने वाले लोगों के लिए मनोरंजन की भी विशेष व्यवस्था की गई है। यह तीनों दिन आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों में लोगों को राजस्थान की संस्कृति और परंपराओं की झलक देखने को मिलेगी।

खाने-पीने के साथ झूलों का आनंद
मेले में आने वाले लोगों के लिए खाने-पीने के स्टॉल्स भी लगाए गए हैं। यहां बच्चों के लिए झूलों की भी व्यवस्था की गई है। इस कारण यह मेला सभी उम्र और वर्ग के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।