भोपाल। Atal Progress-Way: अटल प्रोग्रेस-वे तीन प्रदेशों से निकल रही चम्बल नदी के किनारे पर बसे शहरों को आपस में जोड़ने के लिए बनाया जा रहा है। यह इन शहरों के लिए संजीवनी का काम करेगा। उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश से होकर चम्बल नदी निकल रही है। इसके पास बसे शहरों को रोड ट्रांसपोर्ट से जोड़ने के लिए इसे बनाया जा रहा है।
अटल प्रोग्रेस-वे कोटा संभाग में बारां व कोटा जिले में 71.4 किलोमीटर लम्बा होगा। इसके लिए एनएचएआई द्वारा डीपीआर और जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।अटल प्रोग्रेस-वे उत्तर प्रदेश के इटावा से शुरू होकर मध्य प्रदेश के भिंड और मुरैना होते हुए कोटा जिले के खातौली से राजस्थान में आएगा।
ये प्रोग्रेस-वे बारां जिले में कराड़िया व सीमलिया के बीच में खत्म होगा। राजस्थान में इसकी लम्बाई 71.4 किलोमीटर होगी, जबकि इस पूरे प्रोग्रेस-वे की लंबाई 408 किलोमीटर होगी। इस पर करीब 10 हजार करोड़ रुपए का खर्च आएगा। कोटा और बारां में शीघ्र ही इसका काम शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए एनएचएआई ने कार्य योजना शुरू कर दी है, जबकी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में इसका काम तेजी से चल रहा है।
इस प्रोग्रेस-वे के साथ ही बड़ी परियोजनाओं के साथ बड़े इंडस्ट्रियलिस्ट यहां पहुंचेंगे। इस परियोजना से तीनों राज्यों के 200 से अधिक गांवों में औद्योगिक क्रांति आएगी। दूसरी बात यह कि जहां यातायात सुगम होगा, वहीं रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। ईको टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलने लगेगा।
फोर लेन का होगा प्रोग्रेस-वे: अटल प्रोग्रेस-वे जिसे चंबल एक्सप्रेस-वे भी कहा जाएगा, उसे फोरलेन बनाया जाएगा। बढ़ते यातायात को देखते हुए इसे 6 लेन किया जा सकेगा। जहां से स्टेट हाईवे को जोडा जाएगा, वहां इसे जंक्शन के रूप में विकसित किया जाएगा। वहीं, जहां इस हाईवे को ग्रामीण और स्टेट हाईवे क्रॉस करेंगे, वहां अंडर ब्रिज बनाए जाएंगे।
प्रोग्रेस-वे के दोनों तरफ लगेंगे उद्योग: यदि हम लाभ की बात करें तो इससे कई लाभ होंगे। भिंड में लॉजिस्टिक हब, मुरैना में मल्टी प्रोडक्ट औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने और श्योपुर में कृषि आधारित गतिविधियों को प्रोत्साहित करने की योजना है। इसके दोनों तरफ बड़े उद्योग प्रस्तावित हैं। छोटे उद्योग लगाने के लिए सरकार पूरी मदद को तैयार है। अटल प्रोग्रेस-वे के लिए कोटा जिले के खातीली, पार्वती रिवर, पीपल्दा, सुल्तानपुर, दीगोद बेल्ट की जमीन अधिग्रहण करने और डीपीआर की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। अटल प्रोग्रेस-वे तीनों ही प्रदेशों की इकनॉमी को बढाएगा और लोगों को रोजगार के संसाधन उपलब्ध कराने के साथ ही ओद्योगिक क्रांति का सूत्रपात करेगा।