कोटा के रानपुर में बनेगा कोचिंग हब: यूडीएच मंत्री धारीवाल

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दी एसएसआई एसोसिएशन के अमृतम् सभागार का लोकार्पण

कोटा। स्वायत्त शासन मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने कहा कि जयपुर में प्रताप नगर की तरह कोटा के रानपुर में भी कोचिंग हब बनेगा। इसकी विस्तृत कार्ययोजना नगर विकास न्यास के माध्यम से तैयार करवाई जा रही है। केन्द्र सरकार ने न्यू सिटी प्रोजेक्ट में कोटा का चयन किया है। इसके लिए 600 करोड़ का बजट है। धारीवाल ने रविवार को दी एसएसआई एसोसिएशन के अमृतम् सभागार के लोकार्पण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए यह घोषणा की।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के अरबन रिफॉम्र्स (शहरी सुधार) प्रोजेक्ट में काफी जद्दोजहद कर कोटा को शामिल करवाया है। रानपुर में यह प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। इसके लिए केन्द्र सरकार की ओर से 600 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। इतनी राशि राज्य सरकार से मिलेगी, शेष राशि का प्रबंधन न्यास करेगा। इस योजना में रानपुर में करीब 412 हैक्टेयर एरिया में छोटे नए शहर विकसित किया जाना है। आवासीय प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले कोचिंग हब बनाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि रानपुर में नए शहर की घोषणा एवं शहर में चल रहे विकास कार्यों से आने वाले समय में कोटा देश के गिने-चुने शहरों में शुमार होगा। उन्होंने कहा कि जिस तेजी से कोटा शहर पर्यटन सिटी बनने की ओर अग्रसर हो रहा है, उसके पीछे यहां के कोचिंग संस्थानों की बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पांच वर्ष में व्यापार एवं उद्योग जगत पर कोई नया कर नहीं लगाया है। इस बार भी राजस्थान के मुख्यमंत्री द्वारा जो ऐतिहासिक बजट पेश किया है, उससे राजस्थान विकास की ओर अग्रसर होगा।

रीको बहुत बड़ी बीमारी: उन्होंने कहा कि राजस्थान में रीको बहुत बड़ी बीमारी है। यह अफसरों का बनाया कार्पोरेशन है। जिसे अफसर चलाते हैं। यह सरकार का पार्ट नहीं है। अफसर कमजाेर मंत्री काे बेवकूफ बना देते हैं और उससे बाेर्ड बनवाकर काॅपरेशन बना लेते हैं। फिर अपने हिसाब से चलाते हैं। मैं जब 1998 मंत्री बना ताे सिस्टम बदला। रीको विकास के कामों में कानूनी अड़चनें खड़ी करता है।

एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष गोविंदराम मित्तल ने कहा कि उद्योग जगत की कई समस्याओं से निजात दिलाने में स्वायत्त शासन मंत्री धारीवाल की अहम भूमिका रही है। उन्होंने रीको द्वारा समय-समय पर औद्योगिक विकास में अवरोध पैदा करने के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा दे दिया है, किन्तु रीको इसे नहीं मान रहा है। अतः राज्य सरकार को इस दिशा में अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करना होगा जिससे उद्यमियों को राहत मिल सके।

कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने कहा पूरे देश मे औद्योगिक क्षेत्र जो शहर के मध्य में आ जाते हैं, वहां पर दूसरी अन्य गतिविधियां संचालित करने की अनुमति प्रदान कर दी जाती है। कोटा में इन्द्रप्रस्थ औद्योगिक क्षेत्र चंबल औद्योगिक क्षेत्र पूरी तरह से शहर के मध्य में आ चुके हैं। जहां पहले से ही कोचिंग, हॉस्टल, पेट्रोल पंप, ऑटोमोबाइल जोन एवं होटल सहित कई अन्य व्यावसायिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं। फिर भी कोटा मे रीको द्वारा अनुमति प्रदान नहीं की जा रही है।

उन्होंने आग्रह किया कि राजस्थान सरकार कैबिनेट स्तर पर बैठक कर तुरंत प्रभाव से इस समस्या को दूर करे। उन्होंने कहा कि स्वायत्त शासन मंत्री धारीवाल के प्रयासो से कोटा पर्यटन के नक्शे कदम पर आ चुका है। इसे और गति प्रदान करने के लिए कोटा का व्यापार एवं उद्योग जगत पूरी तरह से सहयोग देने के लिए तैयार है। कोटा मे हवाई सेवा शुरू होने के बाद कोटा मे निश्चित ही औद्योगिक विकास का मार्ग भी प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि सरकारी स्तर पर उद्योगों के लिए राहत की योजना बनाई जाए, जिससे औद्योगिक विकास हो।

5 लाख स्टूडेंट्स आने की संभावना:एलन केरियर इंस्टीट्यूट के निदेशक गोविंद माहेश्वरी ने विशिष्ट अतिथि के रुप में सम्बोधित करते हुए कहा कि इस समय कोटा में कोचिंग छात्रों की संख्या दो लाख के आसपास है। वर्ष 2028 तक कोटा में कोचिंग लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या 4 से 5 लाख तक पहुंचने की पूरी संभावना है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल के प्रयासों से कोटा पर्यटन नगरी के दृष्टिकोण से विकसित हो रहा है। इससे बाहर से हर वर्ष 4 से 5 लाख अभिभावकों के यहां आने से पर्यटक शहर के रूप में पूरे देश में इसका प्रचार प्रसार होगा। जो कोटा को नई ऊंचाइयों प्रदान करेगा।

एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान में औद्योगिक क्षेत्र में अन्य गतिविधियों को संचालित करने की अनुमति न दिए जाने के कारण कई बंद पड़े उद्योगों एवं खाली भूखंडों पर किसी भी प्रकार की कोई गतिविधियां संचालित नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि रीको द्वारा व्यवहारिक दृष्टिकोण नहीं अपनाने के कारण ही औद्योगिक विकास में ठहराव सा आया हुआ है। अतः राज्य सरकार सकारात्मक रुख अपनाते हुए इस दिशा में ठोस निर्णय लेकर उद्यमियों को राहत प्रदान करे।

35 लाख की लागत से बना अमृतम् सभागार: एसोसिएशन के अध्यक्ष राजकुमार जैन एवं सचिव अनीष बिरला ने बताया कि दी एसोसिएशन के पूर्व पदाधिकारियों एवं सदस्यों के सहयोग से करीब 35 लाख की लागत से बने इस अमृतम् सभागार का निर्माण हुआ है। समारोह में एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं सचिव और शहर जिला काग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रविंद्र त्यागी समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

इंडस्ट्रियल एरिया की लीज अवधि बढ़ाने की मांग
रीको इंडस्ट्रियल एरिया एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय शर्मा व संभाग के महासचिव नंदकुमार मेहता व एसोसिएशन के अन्य सदस्यों के साथ नगरीय विकास मंत्री धारीवाल से मिल कर इंडस्ट्रीयल एरिया की लीज बढ़ाने और ट्रांसफर करने का आग्रह किया है। उन्होंने आश्वस्त किया है कि जयपुर जाकर इस प्रक्रिया को रीको व फॉरेस्ट के माध्यम से लीज बढ़वाई जाएगी।