वनकर्मियों का आंदोलन चौथे दिन भी जारी, कोटा में मुंडवाया सिर

0
103

जयपुर। संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में वन विभाग के कार्मिकों का अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर जारी आंदोलन के चौथे दिन वनकर्मियों ने मांगें नहीं मांगे जाने पर कोटा के अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क का गेट बंद कर प्रदर्शन किया।

उधर, सवाई माधोपुर के रणथम्भौर में नेशनल टाइगर रिजर्व के मेन एंट्री गेट पर वनकर्मियों द्वारा ताला जड़ कर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। मुख्य प्रवेश द्वार के सामने ही वनकर्मी महापड़ाव डालकर बैठ गए हैं। कोटा में वनकर्मियों ने अभेडा बायोलॉजिकल पार्क के सामने वनकर्मियों ने सिर भी मुंडवाया।

7 जिलों के वनकर्मी आंदोलन में शामिल
वनकर्मियों के इस महापड़ाव में सवाई माधोपुर सहित अन्य 7 जिलों के वनकर्मी शामिल हैं। इनमें सवाई माधोपुर, जयपुर, करौली, टोंक, बारां, कोटा, बूंदी के वनकर्मी शामिल हैं। मौके पर एहतियात के तौर पर एसडीएम कपिल शर्मा और डीएसपी राजेंद्र सिंह रावत भी पहुंच गए।

पर्यटक वाहनों की एंट्री नहीं
राजस्थान अधीनस्थ वनकर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह के नेतृत्व में यह महापड़ाव डाला गया है। वनकर्मी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं। प्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने कहा-जब तक सरकार द्वारा उनकी 15 सूत्री मांगें पूरी नहीं की जाती और उनके प्रतिनिधि मंडल से सरकार कोई वार्ता नहीं करती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। तब तब किसी भी पर्यटक वाहन को रणथंभौर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। धरने पर बैठे वनकर्मियों ने बताया कि वन कर्मियों की मांगों को लेकर राज्य सरकार जरा भी गम्भीर नहीं है। कई मर्तबा सरकार से वार्ता होने के बाद भी सरकार ने वनकर्मियों के साथ किया गया समझौता लागू नहीं किया है। ऐसे में मजबूरन वनकर्मचारियों को आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ रहा है।

ये हैं वन कर्मियों की मुख्य मांगें
वन कर्मचारियों ने पुलिस , पटवारी और ग्राम सेवक के समकक्ष पदों के समान वेतन देने , वन विभाग में आठवीं और दसवीं पास कार्य प्रभारी वन कर्मियों को पहले की तरह आयु सीमा और योग्यता में शिथिलता देने, मैस भत्ता 2200 करने, वन विभाग में कार्यरत कार्य प्रभारी वन कर्मचारियों को सेवा नियम के दायरे में लेते हुए अन्य विभागों की तरह पदोन्नति देने ,वर्दी भत्ता देने सहित 15 सूत्री मांगें पूरी करने की मांग की है।