नई दिल्ली। जुलाई, 2019 से बनने वाली सभी कारों में एयरबैग्स, सीट बेल्ट रिमाइंडर्स, 80 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक स्पीड पर अलर्ट करने वाला स्पीड वॉर्निंग सिस्टम, रिवर्स पार्किंग अलर्ट्स, मैनुअल ओवरराइड सिस्टम आदि फीचर्स देना अनिवार्य हो जाएगा।
सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने इसपर अपनी मुहर लगा दी है। फिलहाल, महंगी और लग्जरी कारों में ही सुरक्षा संबंधी उपरोक्त पैमानों का इस्तेमाल होता है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारत में होने वाले रोड ऐक्सिडेंट्स को कम करने के मद्देनजर यह फैसला लिया है।
बता दें कि 2016 में भारत में मरने वाले प्रति 1.5 लाख लोगों में से तकरीबन 74,000 लोग सड़क हादसे में मारे गए। इनकी जिंदगी ओवर स्पीडिंग की भेंट चढ़ गई।
ट्रासपॉर्ट मिनिस्ट्री के एक सूत्र की मानें तो नई कारों में एेसा सिस्टम फिट कया जाएगा जो कि स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक होने पर ऑडियो अलर्ट देगा।
स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक होने पर इस अलर्ट की आवाज और भी तेज हो जाएगी। 120 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक स्पीड होने पर यह लगातार बजता रहेगा।
पावर फेल्योर की स्थिति में अगर सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम ने काम करना बंद कर दिया तो मैनुअल ओरवाराइड सिस्टम से ड्राइवर और पैसेंजर्स आसानी से कार के बाहर निकल सकेंगे।
रिवर्स पार्किंग के दौरान होने वाले ऐक्सिडेंट्स को कम करने के लिए कारों में रिवर्स पार्किंग अलर्ट दिया जाएगा। कार जब रिवर्स गियर में पीछे जा रही होगी तक ड्राइवर को रियर मॉनिटरिंग रेंज के हिसाब से पता चलता रहेगा कि कोई आॅब्जेक्ट है या नहीं।
परिवहन मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि एयरबैग्स और रिवर्स पार्किंग सेंसर्स को शहर में चलने वाले हल्के कमर्शल वाहनों के लिए भी अनिवार्य किया जाएगा।