भागवत् जी के नगर भ्रमण के साथ शुरू हुआ श्रीमद् भागवत् कथा ज्ञान यज्ञ

0
283

कलश यात्रा में दिखा श्रद्धालुओं का उत्साह, जगह-जगह हुआ भव्य स्वागत

कोटा। सिर पर कलश लिए सैंकड़ों महिलाएं, चहुंओर गूंजता जयश्री कृष्णा का उद्घोष, भजनों पर नाचते-गाते चल रहे श्रद्धालु और मस्तक पर भागवत जी को धारण कर उनका नेतृत्व करते लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला। नए साल के दूसरे ही दिन शैक्षणिक नगरी कोटा धर्म और आध्यात्म के रंगों में रंगी नजर आई।

बिरला और अग्रवाल परिवार की ओर से छप्पन भोग परिसर में सोमवार से स्वामी गिरीशानंद सरस्वती महाराज की अमृतमयी वाणी में श्रीमद भागवत कथा यज्ञ का आयोजन प्रारंभ हुआ। उससे पूर्व शास्त्री नगर दादाबाड़ी स्थित सनातन धर्म मंदिर में कोटा नागरिक सहकारी बैंक के अध्यक्ष राजेश बिरला उनकी पत्नी सूरज बिरला, लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला उनकी पत्नी डा. अमिता बिरला, उद्यमी राजेंद्र अग्रवाल उनकी पत्नी अपर्णा अग्रवाल तथा बिरला व अग्रवाल परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा भगवान श्री कृष्ण तथा भागवत जी की पूजा के बाद भव्य कलश यात्रा प्रारंभ हुई।

यह कलश यात्रा जिस भी राह से गुजरी आमजन ने बड़ी ही आत्मियता से उसका स्वागत किया। कहीं पुष्पवर्षा की गई तो कहीं स्वागत द्वार लगाए गए। अनेक लोगों ने स्वामी गिरीशानंद सरस्वती महाराज और मुक्तानंद पुरी महाराज से सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद लिया। जहां से भी कलश यात्रा गुजरी लोग उससे जुड़ते चले गए।

कलश यात्रा के छप्पनभोग परिसर पहुंचने के बाद भागवत जी का आरती की गई। गिरीशानंद सरस्वती महाराज ने विधि विधान के साथ भागवत जी को विराजमान किया। इसके बाद बिरला व अग्रवाल तथा अन्य श्रद्धालुओं ने व्यास पूजन किया। इस दौरान पूरे समय भगवान श्री कृष्ण के जयकारें गूंजते रहे।

परोपकार से ही जीवन में आनंद संभव
श्रीमद् भागवत कथा के पहले दिन भगवान गणेश व भागवत् पूजन के साथ कथा महायज्ञ का शुभारंभ हुआ। स्वामी गिरिशानन्द सरस्वती महाराज ने श्रद्धालुओं को कथा माहात्म्य व नारद चरित्रादि का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि जो प्रभु की सेवा से भक्ति ज्ञान और वैराग्य की प्राप्ति होती है और जिस ह्रदय में भक्ति ज्ञान और वैराग्य होता है वहां प्रभु का वास होता है। स्वामी गिरिशानन्द सरस्वती महाराज ने भागवत् कथा का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि जीवन में संतोष से मनुष्य जीवन सफल होता है। असफल व्यक्ति सफल होना चाहता है, सफल व्यक्ति को और अधिक सफल होने की चाह है। इसलिए जीवन के सारे कष्ट ईश्वर पर छोड़ दो। जो प्रभु चिंतन करता है उसे चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती। परोपकार से ही जीवन में आनंद संभव है। ईश्वर ने अगर आपको सक्षम इसलिए बनाया है ताकि आप परोपकार का माध्यम बने।

सदाचार के बिना ज्ञान-भक्ति संभव नहीं
स्वामी मुक्तानंद महाराज ने कहा कि संतो के माध्यम से भागवत् कथा का श्रवण हमें सदाचार के लिए प्रेरित करता है। माता-पिता, दीन दुखियो की निस्वार्थ सेवा, परोपकार, किसी का अहित नहीं करना सदाचार के गुण हैं। जीवन में सदाचार से हम सभी प्रकार के विकारों काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार से मुक्त होते हैं। भगवान कृष्ण ने कहा है यदि हम परमात्मा के लिए कर्म करोगे तो जीवन में कर्म बंधन नहीं आएगा। प्रभु भक्ति से हम पर सदैव परमात्मा की कृपा बनी रहती है। भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि नमे भक्त प्रणश्यति यानि मेरे भक्त का कभी नाश नहीं हो सकता।

जीवन को मिलती है नई दिशा
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि ईश्वर की कृपा के बिना हमें भागवत् कथा श्रवण का सौभाग्य नहीं मिल सकता। यह प्रभु की कृपा है हमें आज करोड़ों लोगों के जीवन को दिशा देने वाले संत स्वामी गिरिशानन्द जी महाराज व मुक्तानंद महाराज का सानिध्य मिल रहा है। जब संतो के श्रीमुख से कथा श्रवण प्रभु वाणी के समान है। कथा के माध्यम से जब हम प्रभु श्रीकृष्ण के जीवन चरित्र को समझेंगे तो हमें जीवन में नई ऊर्जा और दिशा मिलेगी।

भागवत् में है सभी दुखों का उपाय
डॉ. अमिता बिरला ने कहा कि संत परमात्मा के साक्षात स्वरूप है। संतो का आशीर्वाद मिलना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। संतो की उपस्थिति मात्र से कथा परिसर वृदांवन सा नजर आ रहा है। भागवत् कथा में सभी दुखों का उपाय है। मेरी प्रार्थना है कि यह नववर्ष सभी श्रद्धालुओं के जीवन में सुख-समृद्धि लाए। अपर्णा अग्रवाल ने कहा कि आज कथा के प्रथम दिन हम यहां से मानव कल्याण का संकल्प लेकर जाएं। मुझे विश्वास है कि भागवत् कथा हमारी नई पीढ़ी को भी आध्यात्म से जुड़कर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देगी।

कथा सुन भावविभोर हुए श्रद्धालु
भागवत कथा का महातम्य सुनते हुए छप्पनभोग परिसर में उपस्थित श्रद्धालु भावविभोर हो गए। कथा के दौरान भी श्रद्धालुओं को इतना रस आया कि वे अपने स्थान पर उठकर अपने आराध्य के प्रेम में नाचने लगे। स्वामी गिरीशानंद सरस्वमी महाराज ने कहा कि जो ईश्वर को अपना सबकुछ हार जाते हैं, असल में वे सबकुछ जीत लेते हैं।