गिरेंगे गेहूं के भाव, एफसीआई खुले बाजार में 15-20 लाख टन गेहूं बेचने की तैयारी में

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नई दिल्ली। देश में गेहूं की कीमत पर काबू करने के लिए सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। इसके तहत एफसीआई (FCI) के स्टॉक से खुले बाजार में 15-20 लाख टन गेहूं बेचने की तैयारी है। इससे गेहूं की कीमत में कमी आने की संभावना है। खुली बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत आटा मिलों जैसे थोक उपभोक्ताओं के लिए यह गेहूं निकाला जाएगा।

सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 27 दिसंबर को गेहूं का औसत खुदरा मूल्य 32.25 रुपये प्रति किलोग्राम था, जो एक साल पहले की अवधि में 28.53 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक है। गेहूं के आटे की कीमत भी एक साल पहले के 31.74 रुपये प्रति किलोग्राम की तुलना में 37.25 रुपये प्रति किलोग्राम पर बनी रही।

ओएमएसएस नीति के तहत, सरकार समय-समय पर थोक उपभोक्ताओं और निजी व्यापारियों को खुले बाजार में पूर्व-निर्धारित कीमतों पर खाद्यान्न, विशेष रूप से गेहूं और चावल बेचने के लिए सरकारी उपक्रम, भारतीय खाद्य निगम (FCI) को अनुमति देती है।

इसका उद्देश्य मौसमी मांग के आधार पर आपूर्ति को बढ़ावा देना और सामान्य खुले बाजार की कीमतों को कम करना है। सरकारी सूत्रों ने कहा, ‘खाद्य मंत्रालय ने गेहूं के संदर्भ में वर्ष 2023 के लिए एक ओएमएसएस नीति पेश की है। इसके तहत थोक उपयोगकर्ताओं के लिए एफसीआई से 15-20 लाख टन अनाज जारी करने की योजना है।’

कितनी होगी कीमत
सूत्रों ने कहा कि गेहूं को एफसीआई के भंडार से जारी किया जाएगा और अभी इसकी दर तय नहीं किया गया है। एक अन्य सूत्र ने कहा कि ओएमएसएस के तहत गेहूं जारी किए जाने की संभावना है क्योंकि सरकार के पास इस खाद्यान्न का पर्याप्त भंडार है। इसके अलावा, नए गेहूं की फसल की संभावना बेहतर दिख रही है क्योंकि अब तक इसकी खेती का कुल रकबा अधिक है। यहां तक कि आटा मिलों ने खुले बाजार में गेहूं की कमी को पूरा करने के लिए सरकार से एफसीआई गोदामों से गेहूं के स्टॉक को बाजार में लाने की मांग की है।

नई गेहूं फसल की खरीद अप्रैल 2023 से
खुले बाजार में गेहूं की कमी की वजह से गेहूं और आटे की थोक तथा खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। 15 दिसंबर तक केंद्रीय पूल में करीब 180 लाख टन गेहूं और 111 लाख टन चावल उपलब्ध था। आपूर्ति की कमी का कारण मुख्य रूप से फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में गेहूं उत्पादन घटकर 10 करोड़ 68.4 लाख टन रह जाना है, जो पिछले वर्ष 10 करोड़ 95.9 लाख टन था। नई गेहूं फसल की खरीद अप्रैल 2023 से शुरू होगी।