कोटा। राजस्थान सरकार द्वारा भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने के लिए लाए जा रहे सीआरपीसी में संशोधन विधेयक के खिलाफ कोटा अभिभाषक परिषद की ओर से मंगलवार को न्यायिक कार्य स्थगित रख विरोध जताया गया।
कचहरी के बाहर वकीलों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अदालत चौराहे पर मानव श्रृंखला बनाकर प्रदर्शन किया। साथ ही राज्यपाल के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन भी सौंपा।
संशोधन बिल को बताया काला कानून
अभिभाषक परिषद के अध्यक्ष नवीन शर्मा व महासचिव महेश कुमार गौतम के नेतृत्व में बड़ी संख्या में वकील अदालत परिसर में एकत्र हुए। यहां से राज्य सरकार व मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अदालत चौराहे पर पहुंचे। वकीलों ने सीआरपीसी में संशोधन को काला कानून बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की।
वकीलों ने एक दसरे का हाथ पकड़कर अदालत चौराहे पर मानव श्रृंखला बनाई। इसके बाद सभी वकील कलक्ट्री पहुंचे। वरिष्ठ वकीलों के एक प्रतिनिधि मंडल ने संशोधन को निरस्त करने की मांग करते हुए राज्यपाल के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन भी सौंपा।
भ्रष्टाचार को मिलेगा बढ़ावा
परिषद के अध्यक्ष नवीन शर्मा ने बताया कि सरकार जो विधेयक लाने जा रही है उससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। इसके विरोध में परिषद की ओर से मंगलवार को न्यायिक कार्य स्थगित रखा गया। राज्य सरकार भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की गरज से सीआरपीसी की धारा 156(3) में संशोधन करके भ्रष्ट लोक सेवकों को संरक्षण प्रदान कर रही है।
साथ ही धारा 228 में बी क्लोज जोड़कर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन कर रही है। इसलिए वकील अपने सामाजिक दायित्व को ध्यान में रखते हुए इस संशोधन विधेयक का विरोध कर रहे हैं। शर्मा ने बताया कि यदि सरकार ने विधेयक को वापस नहीं लिया तो वकील उग्र आंदोलन करेंगे। प्रदर्शन में कई वरिष्ठ और महिला वकील भी शामिल हुई।