नई दिल्ली। आने वाले बजट में हेल्थ इंश्योरेंस लेना सस्ता हो सकता है। हेल्थ इंश्योरेंस पर लगने वाले जीएसटी की दर को 18 फीसद से कम करके 12 फीसद किया जा सकता है। 17 दिसंबर को जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस पर फैसला हो सकता है। विभिन्न इंश्योरेंस कंपनियों ने जीएसटी काउंसिल से हेल्थ इंश्योरेंस पर लगने वाले जीएसटी की दरों को कम करने की गुजारिश की है।
सरकार भी हेल्थ इंश्योरेंस के दायरे को बढ़ाना चाहती है और 2047 तक देश के सभी नागरिक को हेल्थ इंश्योरेंस के अधीन लाने का प्रयास है। इंश्योरेंस कंपनियों के मुताबिक, 18 फीसद की जगह 12 फीसद जीएसटी करने से हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम कम हो जाएगा और इस कारण और अधिक ग्राहक आकर्षित होंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में वर्चुअल रूप में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, हार्स रेसिंग और कैसिनो पर जीएसटी की दरों को बढ़ाकर 28 फीसद किया जा सकता है।
ऑनलाइन गेमिंग पर अभी 18 फीसद जीएसटी लगता है। काउंसिल की तरफ से ऑनलाइन गेमिंग, हार्स रेसिंग व कैसिनो पर जीएसटी दरों की समीक्षा और निर्धारण के लिए कमेटी का गठन किया गया था। जीएसटी काउंसिल की गत बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, हार्स रेसिंग व कैसिनो पर जीएसटी निर्धारण के मामले में कई मुद्दों पर स्थिति साफ नहीं हो पाई थी, इसलिए कोई फैसला नहीं हो पाया था।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, गेमिंग कंपनियों पर जीएसटी चोरी के कई मामले सामने आए हैं जिनकी जांच चल रही है। संसद में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने हाल ही में बताया था कि वर्ष 2019 के अप्रैल से लेकर नवंबर 2022 की अवधि में गेमिंग कंपनियों से जुड़े 23,000 करोड़ की जीएसटी चोरी के मामले सामने आए हैं और कर अधिकारी इन मामलों की जांच कर रहे हैं।
आगामी 17 दिसंबर को काउंसिल की बैठक में जीएसटी चोरी के मामले में गिरफ्तारी के प्रविधान में भी बदलाव हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, अभी एक करोड़ से अधिक की कर चोरी के मामले में जेल का प्रविधान है और इस सीमा को एक करोड़ से बढ़ाकर दो करोड़ किया जा सकता है। काउंसिल की बैठक में जीएसटी अपिलेट ट्रिब्यूनल की स्थापना को भी हरी झंडी मिल सकती है।