टाटा कंसल्‍टेंसी सर्विसेस का मुनाफा 2.5 फीसदी घटा

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मुंबई। वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में टीसीएस का मुनाफा 2.51 फीसदी घटकर 6,608 करोड़ रुपए रह गया। तीसरी तिमाही में कंपनी ने 6,778 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया था। वैसे वित्त वर्ष 2015-16 की चौथी तिमाही के मुकाबले कंपनी का मुनाफा 4.23 फीसदी बढ़ा है।जनवरी-मार्च तिमाही में टीसीएस की रुपए में होने वाली आय 0.3 फीसदी घटकर 29,642 करोड़ रुपए रह गई। लेकिन, इस दौरान कंपनी की डॉलर आय 1.5 फीसदी बढ़कर 445.2 करोड़ डॉलर हो गई।  तिमाही दर तिमाही आधार पर चौथी तिमाही में टीसीएस का एबिट मार्जिन 26 से घटकर 25.76 फीसदी रह गया।

16 हजार करोड़ के बायबैक को शेयरधारकों की मंजूरी

\फरवरी में टीसीएस के बोर्ड ने 16 हजार करोड़ रुपए के बायबैक को मंजूरी दी थी। इसके तहत कंपनी 2.85 फीसदी यानी 5.61 करोड़ शेयर खरीदेगी। देश में इतना बड़ा शेयर बायबैक कभी नहीं हुआ है। इससे पहले 2012 में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 10,400 करोड़ रुपए के अपने ही शेयर बाजार से खरीदे थे।क्यों होता है बायबैकशेयर बायबैक अमूमन प्रति शेयर कमाई में सुधार लाता है। इससे शेयरधारकों के वास्तविक रिटर्न में बढ़ोतरी होती है। बाजार में यदि सुस्ती जैसे हालात हों तो इससे शेयर की कीमत को सपोर्ट मिलता है। जब कंपनी मुनाफे का बड़ा हिस्सा नकद में रखती है तो शेयरधारकों की पूंजी पर वास्तविक रिटर्न घटता है।माना जाता है कि कंपनी के पास कैश के रूप में पड़ा पैसा भी शेयरधारकों का ही है। जब यह लौटाया जाता है तो रिटर्न बेहतर हो जाता है।

क्या है टीसीएस की स्थिति

आईटी कंपनियों पर लाभांश और बायबैक के जरिए अतिरिक्त नकदी शेयरधारकों को लौटाने का दबाव है।टीसीएस देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी है।इसके पास 43,169 करोड़ रुपए की अतिरिक्त नकदी है। यह बाजार में कंपनी की वैल्यूका करीब 10 फीसदी है।कई कंपनियां कर रहीं बायबैक पिछले हफ्ते इंफोसिस ने वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान लाभांश और बायबैक के जरिए 13 हजार करोड़ रुपए के बायबैक का एलान किया था।इस साल की शुरुआत में कंग्निजेंट ने भी 3.4 अरब डॉलर के शेयर बायबैक की घोषणा की थी। उधर एचसीएल टेक्नोलॉजीज ने भी 3,500 करोड़ रुपए के 3.5 करोड़ शेयरों के बायबैक की मंजूरी दे चुकी है।

साइरस मिस्त्री को एक और झटका

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए गए साइरस मिस्त्री को झटका दिया है। मिस्त्री परिवार की दो कंपनियों की ओर से दायर याचिका को ट्रिब्यूनल नेखारिज कर दिया है। इसमें उन्होंने पात्रता शर्त में छूट की मांग की थी।ट्रिब्यूनल ने ऐसा करने से मना कर दिया। दोनों फर्मों ने टाटा संस से मिस्त्री की बर्खास्तगी के फैसले को चुनौती दी थी। साथ ही कुप्रबंधन और छोटे शेयरधारकों के उत्पीड़न का आरोप भी लगाया था।