-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। भारतीय रेल (Indian Rail) में यात्रियों की सुरक्षा, सुविधाओं एवं तीव्र गति से गंतव्य तक पहुंचाने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए नई तकनीक पर आधारित एलएचबी (LHB) प्रकार के यानों का समावेश किया गया है।
पश्चिमी-मध्य रेलवे (West Central Railway) के कोटा मंडल (Kota Division) के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इन यानों की परिवहन क्षमता, सुंदरता, संरक्षा, सुविधा एवं गति वर्तमान में चल रहे आईसीएफ (ICF) प्रकार के कोचों से बहुत बेहतर है।
पश्चिमी-मध्य रेलवे में चलने वाली यात्री गाड़ियों में योजना के अनुसार एलएचबी कोचों (LHB Coaches) को लगाया जा रहा है। वर्तमान में पश्चिमी-मध्य रेलवे की 40 प्रतिशत यात्री गाड़ियां में एलएचबी कोच लगाये जा चुके हैं एवं आने वाले 2-3 वर्षों में यहां चलने वाली शत-प्रतिशत यात्री गाड़ियां में एलएचबी कोच लगाये जायेंगे, इस योजना पर तीव्रता से कार्य किया जा रहा है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यात्री गाड़ियों में एलएचबी कोच लगाये जाने के फलस्वरुप अतिरिक्त हुए पुराने आईसीएफ कोचों को रेलवे बोर्ड की नीति के अनुसार उच्च क्षमता के एनएमजी (मोडीफाईड गुड्स) प्रकार के माल ढुलाई यानों में परिवर्तन करने का कार्य किया जा रहा है। एनएमजी प्रकार के कोच तीव्रगति से चलने की क्षमता के साथ-साथ पूर्ण रुप से बंद रहते है ताकि माल परिवहन के दौरान चोरी की संभावना को रोका जा सके। इसमें कार, ट्रैक्टर आदि आटोमोबाइल का परिवहन आसानी से किया जाता है।
सूत्रों ने बताया कि तथ्यों को ध्यान में रखते हुए पश्चिम-मध्य रेलवे पर 20 साल से पुराने आईसीएफ कोच को एनएमजी प्रकार के उच्च क्षमता के माल ढुलाई यान में परिवर्तित करने की योजना है। इसके अंतर्गत 58 आईसीएफ प्रकार के कोचों को चिन्हित कर एनएमजी प्रकार के माल ढुलाई यान में परिवर्तित किये जानें का लक्ष्य बनाया गया है।
यह एनएमजी प्रकार के माल ढुलाई यान पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल में स्थित सवारी डिब्बा पुनर्निर्माण कारखानें में बनाये जायेंगे। वर्ष 2022-23 में 02 एनएमजी रैक (लगभग 50 कोच) बनाने का लक्ष्य रखा गया है। सवारी डिब्बा पुनर्निर्माण कारखाना, भोपाल द्वारा इस पर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है एवं इस वित्तीय वर्ष के अंत तक एक रेक परिवर्तित होकर माल ढुलाई के लिये उपलब्ध करा दिया जायेगा।