वंचित बच्चे दीपावली से पहले अप्रत्याशित उपहार पाकर खुशी से चहक उठे

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स्पीकर बिरला की प्रेरणा से आन्या फाउंडेशन ने भेंट किए नए वस्त्र और खिलौने

कोटा। नए कोटा में श्रीनाथपुरम सेवा परिसर में स्थित कच्ची बस्ती में शनिवार शाम को मजदूरी कर लौटे अधिकांश लोग सुस्ता रहे थे। बच्चे इधर-उधर खेलने में व्यस्त थे जबकि महिलाएं रात का खाना पका रही थीं। अचानक वहां लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला आन्या फाउंडेशन के युवाओं के साथ पहुंचे। यह देख बस्ती के लोग चौंक से गए।

आन्या फाउंडेशन से जुड़े युवाओं ने गाड़ियों में रखे पैकेट उतारे। उन पैकेट्स में बस्ती के बच्चों के लिए नए कपड़े और खिलौने थे। स्पीकर बिरला और यह युवा एक-एक कर बस्ती के सभी घरों में पहुंचे और बच्चों को नए कपड़े और खिलौने भेंट किए।

दीपावली से पहले इस अप्रत्याशित उपहार को पाकर जहां बच्चों खुशी से चहक उठे, वहीं अपने नन्हें-मुन्नों के हाथों में कपड़े और खिलौने देख माता-पिता की आंखों में भी अलग ही चमक नजर आई। कुछ यही नजारा मेडिकल कॉलेज के सामने स्थित कच्ची बस्ती और बंसल स्कूल के सामने स्थित बस्ती में भी नजर आया

कोटा की कच्ची बस्तियों में रहने वाले वंचित वर्ग के बच्चों के लिए आन्या फाउंडेशन ने इस दीपावली यह अनूठी पहल की है। फाउंडेशन से जुड़े युवा सामाजिक कार्यकर्ताओं के सहयोग से दीपावली से पहले कच्ची बस्तियों में रहेन वाले बच्चों तक नए कपड़े और खिलौने पहुंचा रहे हैं।

फाउंडेशन की संयोजक और वरिष्ठ रेल अधिकारी अंजली बिरला ने कहा कि खुशियां बांटने से और बढ़ती हैं। भारतीय संस्कृति में दीपावली से बड़ा कोई त्यौहार नहीं है। इस त्यौहार पर यदि हम वंचित बच्चों के चेहरों पर खुशी ला सकें तो उससे बड़ा समाज के लिए कुछ नहीं हो सकता।

इसी सोच के साथ फाउंडेशन के सदस्यों ने मिलकर इस मुहिम को प्रारंभ करने का निर्णय लिया। इस सोच को समाज के प्रबुद्धजनों का भी व्यापक समर्थन मिला। सभी ने बच्चों के लिए कपड़े और खिलौने के लिए सहयोग किया। कुछ ही दिनों के प्रयासों से शहर के हजारों बच्चों की यह दिवाली मुस्कान भरी हो गई, इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। इस अवसर पर फाउंडेशन के नमन माहेश्वरी, अंशुल न्याती, मोरवी खंडेलवाल, सिमरन, दिव्यांश, चेतन, अनुभव भी उपस्थित थे।

शिक्षा और स्वास्थ्य की भी चिंता
बच्चों को कपड़े और खिलौने भेंट करते समय फाउंडेशन के युवा उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य की भी चिंता कर रहे हैं। माता-पिता को बच्चों को स्कूल भेजने के लिए कहने के साथ यह युवा बच्चों के टीकाकरण और उनकी स्वास्थ्य संबंधी देखभाल के लिए भी टिप्स दे रहे हैं। फाउंडेशन आने वाले दिनों में इन बच्चों के लिए विशेष कक्षाएं आयोजित करने की भी योजना बना रहा है।

हर उम्र के बच्चों के लिए कपड़े
कोटा की कच्ची बस्ती में रहने वाला कोई भी बच्चा दीपावली की भेेंट से वंचित नहीं रहे इसके लिए फाउंडेशन ने हर उम्र के बच्चों के लिए कपड़ों की व्यवस्था की है। इन कपड़ों को बच्चों की उम्र के अनुसार अलग कर फाउंडेशन के युवा, सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से बच्चों तक पहुंचा रहे हैं।

बच्चे नए कपड़े पहनेंगे और क्या चाहिए
बच्चों के हाथों में नए कपड़े देख उनके माता-पिता आन्या फाउंडेशन के युवाओं को आशीर्वाद दे रहे थे। इन लोगों का कहना था कि दीपावली पर बच्चे नए कपड़े पहनें इससे बेहतर क्या हो सकता है। बच्चों की खुशी ने हमारे दीपावली को रोशन कर दिया।

युवाओं की संवेदनशीलता प्रशंसनीय
आज का युवा स्वयं के प्रति जागरूक है तो समाज के प्रति भी संवेदनशील है। आन्या फाउंडेशन ने जो पहल की है वह प्रशंसनीय भी है और अनुकरणीय भी है। सेवा की यह अनूठी पहल समाज के अन्य वर्गों को भी प्रेरित करेगी। ओम बिरला, अध्यक्ष, लोक सभा