फेड रिजर्व ने ब्याज दरों में लगातार तीसरी बार बढ़ोतरी की, जानें कितनी हुई वृद्धि

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नई दिल्ली। Federal Reserve raises interest rates: अमेरिकी केद्रीय बैंक ने बुधवार रात प्रमुख ब्याज दरों (US Fed Interest Rates) की घोषणा कर दी। यूएस फेड ने उम्मीद के अनुसार, ब्याज दर में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी की है। फेड रिजर्व की ओर से लगातार तीसरी बार ब्याज दरों में वृद्धि की गई है।

इस तरह यूएस फेडरल रिजर्व बैंक अपनी ब्याज दर को बढ़ाकर 3-3.25 फीसदी की रेंज में ले आया है। साथ ही बैंक ने संकेत दिए हैं कि वह आने वाली बैठक में भी ब्याज दरों में बड़ी बढ़ोतरी कर सकता है।

अमेरिकी केंद्रीय बैंक देश में महंगाई पर काबू पाने के लिए लगातार ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहा है। गौरतलब है कि हाल के महीनों में अमेरिका में महंगाई 40 साल के उच्चतम स्तर पर चली गई थी। केद्रीय बैंक का अनुमान है कि वह ब्याज दरों को साल 2023 तक 4.6 फीसदी तक ले जा सकता है। अधिकारियों को उम्मीद है कि बेंचमार्क रेट साल के आखिर तक 4.4 फीसदी तक बढ़ाई जा सकती है। इसके बाद साल 2023 में इसे बढ़ाकर 4.6 फीसदी ले जाने का अनुमान है।

यूएस फेड ने इस साल पांचवीं बार अपनी बेंचमार्क शॉर्ट टर्म ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। बता दें कि महंगाई को कंट्रोल करने के लिए केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी करते हैं। अमेरिकी केंद्रीय बैंक के बाद अब आरबीआई (RBI) भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है।

इसके बाद बैंक भी लोन पर ब्याज दरें बढ़ा देंगे। इसका सीधा-सीधा नुकसान लोन (Loan) लेने वालों को होगा। होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन सहित हर तरह के लोन पर ब्याज दरें बढ़ जाएंगी। जिन्होंने पहले से घर के लिए कर्ज ले रखा है, उन्हें ईएमआई (EMI) में अधिक रकम चुकानी होगी।

आरबीआई भी बढ़ा सकता है दरें
अब आरबीआई भी दरें बढ़ा सकता है। आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक 28 सितंबर से 30 सितंबर के बीच होने जा रही है। माना जा रहा है कि इस बैठक में आरबीआई रेपो रेट (Repo Rate) में 0.25 से 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी का फैसला ले सकता है। अगस्त 2022 के खुदरा महंगाई के आंकड़े आरबीआई के सहनीय स्तर से काफी अधिक हैं। ऐसे में अब आरबीआई पर रेपो रेट बढ़ाने का दबाव बढ़ गया है। बीती 5 अगस्त को आरबीआई ने रेपो रेट को आधा फीसदी बढ़ाकर 5.40 फीसदी कर दिया था। रेपो रेट बढ़ी, तो बैंक भी लोन पर ब्याज दरों को बढ़ा देंगे। वहीं, ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि सरकार आरबीआई द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने के पक्ष में नहीं है।