जयपुर। राजस्थान में ई-व्हीकल नीति आज से लागू हो गई है। राज्य सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को प्रोत्साहित करने के लिए राजस्थान बिजली चालित वाहन नीति (REVP) लेकर आई है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस नीति के तहत सरकार ने ऐसे वाहनों की खरीद पर प्रस्तावित एकमुश्त अंशदान आदि मद के लिए 40 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
अधिकारी ने बताया कि परिवहन व सड़क सुरक्षा विभाग की ओर से बुधवार को इस बारे में अधिसूचना जारी की गई। इसके अनुसार राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार आरईवीपी 2022 अधिसूचित कर रही है। यह नीति एक सितंबर 2022 से पांच साल की अवधि के लिए लागू होगी।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस साल 24 मई को इस नीति को मंजूरी दी थी। इसके तहत सरकार ने ऐसे वाहनों की खरीद पर प्रस्तावित एकमुश्त अंशदान और राज्य माल व सेवा कर (एसजीएसटी) पुनर्भरण के लिए 40 करोड़ रुपए के अतिरिक्त बजट प्रावधान को स्वीकृति दी है। इस नीति के लागू होने से राज्य में डीजल-पेट्रोल से चलने वाले वाहनों से होने वाले प्रदूषण में कमी आएगी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2019-20 के बजट में इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति लाने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार सभी प्रकार के ई-वाहनों के संचालन को प्रोत्साहन देने के लिये प्रतिबद्ध है। घोषणा के अनुसार इन वाहनों के क्रेताओं को एसजीएसटी का पुनर्भरण किए जाने के साथ ही, ऐसे वाहनों की खरीद को प्रोत्साहन देने के लिए एकमुश्त अनुदान के रूप में बैटरी क्षमता अनुसार दुपहिया वाहनों को 5 से 10 हजार रुपए प्रति वाहन एवं तिपहिया वाहनों को 10 से 20 हजार रुपए प्रति वाहन दिया जाएगा। राज्य में ई-वाहनों को मोटर वाहन कर के दायरे से बाहर रखा गया है।
वहीं एक अन्य अधिकारी ने हाल ही में कहा था कि राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन खरीद चुके लोगों का इन वाहनों की खरीद पर मिलने वाले अनुदान का इंतजार जल्द ही खत्म हो जाएगा क्योंकि परिवहन विभाग को इस मद में 40 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। परिवहन विभाग के आयुक्त के एल स्वामी ने बताया, “अब, हमें राज्य सरकार से 40 करोड़ रुपये का कोष मिला है। इलेक्ट्रिक वाहन खरीद अनुदान से संबंधित सभी लंबित बकाया राशि को जल्द ही मंजूरी दे दी जाएगी।”
परिवहन विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, राज्य के 12 क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) क्षेत्रों में पिछले वित्त वर्ष में ई-वाहन खरीदने वाले लोगों को अनुदान के रूप में 18 करोड़ रुपये दिए गए थे। उन्होंने कहा कि आरटीओ क्षेत्रों के 3,000 वाहन मालिकों को 5 करोड़ रुपये की अनुदान राशि का वितरण किया जाना है, जो जल्द ही किया जाएगा।