नई दिल्ली। चीन में कोविड प्रतिबंधों (Covid Restrictions in China) के चलते पेट्रोल-डीजल की मांग काफी कम हो गई है। दुनिया के कुछ देशों की अर्थव्यवस्थाओं में सुस्ती के चलते भी तेल की मांग में कमी आई है। यही कारण है कि कच्चे तेल के भाव (Crude Oil Prices) काफी टूट चुके हैं। ब्रेंट ऑयल की कीमत (Brent Oil Price) 95 डॉलर प्रति बैरल के करीब ट्रेड कर रही है।
जबकि डब्ल्यूटीआई क्रूड (WTI Crude) 88 डॉलर तक गिर गया है। बीते हफ्ते कच्चे तेल की कीमतों में अच्छी-खासी गिरावट दर्ज की गई थी। वहीं, देश में लगातार 78 दिन से पेट्रोल-डीजल की कीमतों (Petrol-Diesel Prices) में कोई बदलाव नहीं हुआ है। सरकार ने 21 मई को पेट्रोल पर 6 रुपये और डीजल पर 8 रुपये एक्साइज ड्यूटी कम की थी। इसके बाद 22 मई को कीमतों में बड़ी गिरावट आई थी।
क्या घटेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम: वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में काफी गिरावट आई है। करीब एक हफ्ते से तो कीमतें 100 डॉलर के नीचे ही ट्रेड कर रही हैं। भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों पर आधारित होती हैं। ऐसे में दाम घटने पर यहां पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भी गिरावट होनी चाहिए। लेकिन इसके आसार दिखाई नहीं दे रहे हैं। दरअसल, तेल कंपनियां पिछले काफी समय से घाटे में तेल बेच रही हैं। तेल कंपनियां लंबे समय से कीमतों में बढ़ोतरी की मांग भी कर रही हैं।