25 किलो तक प्री-पैकेज्ड खाद्य पदार्थों पर ही लगेगा पांच प्रतिशत जीएसटी

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रकार जनता को सस्ता इलाज देने के बजाय अस्पताल के कमरे पर GST लगाकर इलाज महंगा कर रही है। सरकार मंत्री, विधायक और सांसदों को तो सारी सुविधायें टैक्स फ्री और जनता पर टैक्स का बोझ लाद रही है। बड़ी बड़ी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए 25 किलोग्राम तक के प्री-पैकेज्ड गैर ब्रांडेड खाद्य पदार्थों की खरीदारी पर GST लागू कर दिया। महंगाई के बोझ तले दबी जनता पर टैक्स का भार डाला गया है।

नई दिल्ली। GST On Packaged Food Items: वित्त मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि सिर्फ 25 किलोग्राम तक के प्री-पैकेज्ड गैर ब्रांडेड खाद्य पदार्थों की खरीदारी पर ही पांच प्रतिशत जीएसटी देना होगा। प्री-पैकेज्ड गैर ब्रांडेड खाद्य पदार्थ का वजन अगर 25 किलोग्राम से अधिक है तो उस पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा।

हालांकि इससे आम उपभोक्ता को खास फायदा नहीं होगा क्योंकि एक बार में कम ही लोग 25 किलो से अधिक चावल, गेहूं या आटा जैसे खाद्य आइटम खरीदते हैं। हालांकि खाद्य पदार्थो से बिस्कुट, केक और इस प्रकार के अन्य उत्पाद बनाने वाले कारोबारियों को इसका लाभ मिलेगा और उस पर जीएसटी का भार नहीं पड़ेगा।

वहीं खुदरा दुकानदार खुले में रखे गए खाद्य आइटम को ग्राहक के सामने पैक करके देता है तो उस पर जीएसटी नहीं लगेगा। सरकार ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि सिर्फ उन्हीं खाद्य वस्तुओं पर पांच प्रतिशत जीएसटी देना होगा, जो निर्माताओं के यहां से पैक होकर खुदरा दुकानदारों के पास आएंगी। फिर चाहे वह ब्रांडेड हो या गैर ब्रांडेड।

अभी बाजार में कई ऐसे खाद्य आइटम ब्रांड के नाम से बिकते तो हैं, लेकिन वे ब्रांड सरकार के नापतौल विभाग में पंजीकृत नहीं होते हैं। सोमवार से पहले तक सिर्फ ब्रांडेड खाद्य वस्तुओं पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगता था, अब गैर ब्रांडेड पर भी लगेगा। SBI के अनुमान के मुताबिक प्री-पैक्ड गैर ब्रांडेड फूड आइटम पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने से महंगाई दर पर अधिकतम 15-20 आधार अंक का फर्क आएगा।

होटलों में जीएसटी चोरी: अब तक होटल वाले 1000 रुपये से अधिक किराये वाले कमरे की बुकिंग का किराया भी 1000 रुपये से कम दिखाते थे। इससे उनका जीएसटी बच जाता था। क्योंकि 1000 रुपये से अधिक किराए वाले कमरे पर पहले से 12 प्रतिशत जीएसटी है। हालांकि इसका कोई फायदा ग्राहकों को नहीं मिलता था और सरकार को टैक्स का भी घाटा हो रहा था। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति निजी अस्पताल में इलाज के लिए 5000 रुपये प्रतिदिन किराए वाला कमरा ले सकता है तो उसे अब 5000 की 5250 रुपये देने में कोई खास दिक्कत नहीं होगी। सोमवार से निजी अस्पताल में 5000 रुपये से अधिक किराये वाले वाले कमरे पर भी पांच प्रतिशत जीएसटी देना होगा।