जयपुर। राजस्थान की गहलोत सरकार ने सभी सरकारी कार्यालयों में प्लास्टिक बैन के आदेश जारी कर दिए हैं। इस मामले में वन विभाग के शासन सचिव शिखर अग्रवाल ने आदेश जारी किए हैं । प्रदेश में 1 जुलाई 2022 से आदेश लागू होंगे।
आदेश के अनुसार सरकारी कार्यालयों में प्लास्टिक बोतल, ट्रे, ग्लास, बैनर और प्लास्टिक से बनी सभी सामग्री हटाई जाएगी। राजस्थान में पाॅलीथिन के बाद अब प्लास्टिक को बैन किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय 01, जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम्स के उत्पादन, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री व उपयोग पर रोक लगा दी गई थी।
सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादन पर रोक: राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों के अनुसार पॉलीस्टाइरिन सहित विभिन्न सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादन पर रोक लगेगी। इसमें प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक लपेटने या पैकिंग फिल्म, सिगरेट पैकेट को लपेटने या पैक करने वाली फिल्म, 100 माइक्रॉन से कम मोटे प्लास्टिक पीवीसी बैनर आदि प्रतिबंधित रहेंगे। जिन चीजो को प्रतिबंधित किया गया है उसमें प्लास्टिक कैरी बैग, प्लास्टिक/थर्माकोल के बने सामान, डिस्पोजेबल कटलरी जैसे कटोरे, ट्रे, प्लेट. चम्मच जैसी चीजें शामिल हैं। सरकार की ओर से कहा गया है कि जो इस आदेश का पालन नहीं करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
अधिकारियों के अनुसार राजस्थान में 1 जुलाई, 2022 से सभी सरकारी कार्यालयों में एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। जिसमे सभी प्रकार के प्लास्टिक कैरी बैग, कृत्रिम फूल, बैनर, झंडे, फूलदान तथा पीईटी बोतलें ,प्लास्टिक/थर्माकोल (पॉलीस्टाइरीन) डिस्पोजेबल कटलरी जिसमें कटोरे, ट्रे, कंटेनर आदि शामिल हैं।
कोई भी सरकारी कार्यालय इन सिंगल यूज प्लास्टिक की वस्तुओं का उपयोग नहीं करेगा और कम्पोस्टेबल प्लास्टिक, बायो-डिग्रेडेबल प्लास्टिक, प्राकृतिक कपड़े, पुनर्नवीनीकरण कागज सामग्री आदि जैसे विकल्पों का उपयोग कर सकेगा जिनका पर्यावरण पर कम प्रभाव पड़ता है। आदेश का पालन नहीं करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।