स्पीकर बिरला ने किसानों से किया वादा फिर निभाया
कोटा। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयास चने के बाद अब लहसुन-प्याज किसानों के लिए बड़ी राहत लेकर आए हैं। स्पीकर बिरला के प्रयासों से केंद्र सरकार ने बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत राजस्थान में लहसुन और प्याज खरीद के आदेश जारी कर दिए हैं।
दरअसल, हाड़ौती में इस बार बंपर पैदावार के चलते लहसुन के दामों में भारी गिरावट दिखाई दे रही है। कृषि विभाग लहसुन की उत्पादन लागत करीब तीन हजार रूपए प्रति क्विंटल मानता है कि जबकि किसानों का दावा है कि बाजार में लहसुन के भाव इससे काफी कम मिल रहे हैं। इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
किसान संगठनों तथा ग्रामीण प्रतिनिधिमंडलों ने गत 2 मई को कोटा स्थित लोकसभा कैंप कार्यालय में स्पीकर बिरला से मिलकर उन्हें अपनी समस्या बताई थी। उन्होंने स्पीकर बिरला से कहा था कि मौजूदा भावों से किसान मायूस हैं। कई ऐसे किसान हैं जो कर्ज में डूब चुके हैं। ऐसे किसानों की मदद के लिए स्पीकर बिरला पहल कर कोई कदम उठाएं।
स्पीकर बिरला ने किसानों की परेशानी को गम्भीरता से लेते हुए उसी समय प्रदेश के कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया को फोन कर बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत राज्य सरकार के स्तर से लहसुन खरीद के प्रस्ताव केंद्र सरकार को भिजवाने को कहा था। बिरला ने किसानों से वादा किया था कि प्रस्ताव प्रापत होने के बाद उन्हें यथाशीघ्र स्वीकृति दिलवा दी जाएगी।
राज्य सरकार के स्तर से प्रस्ताव केंद्र को पहुंचने के बाद स्पीकर बिरला इस मामले में लगातार सक्रिय बने हुए थे। उनकी कोशिशों से आखिर शुक्रवार को केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने राज्य के कृषि विभाग को पत्र भेज बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत लहसुन-प्याज खरीदने को कहा है।
1.07 मीट्रिक टन लहसुन की होगी खरीद
केंद्र के कृषि मंत्रालय से राजस्थान के कृषि विभाग को भेजे पत्र के अनुसार प्रदेश में बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत 1 लाख 7 हजार 836 मीट्रिक टन लहसुन तथा 2 लाख 56 हजार 400 मीट्रिक टन प्याज की खरीद होगी। लहसुन 29 हजार 570 रूपए प्रति मीट्रिक टन जबकि प्याज 7780 रूपए प्रति मीट्रिक टन के भाव से खरीदा जाएगा। मंडी टेक्स, गोदाम किराया, लोडिंग-अनलोडिंग जैसे खर्चों के लिए लहसुन के लिए 7393 रूपए प्रति मीट्रिक टन तथा प्याज के लिए 1945 रूपए प्रति मीट्रिक टन का अलग से प्रावधान किया गया है।