नई दिल्ली/ जयपुर। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (CMIE) के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में बेरोजगारी दर 7.83 फीसदी (Unemployment rate in april) हो गई है, जो पिछले महीने 7.60 फीसदी थी। सबसे बुरा हाल तो हरियाणा और राजस्थान का है। बेरोजगारी मके आंकड़ों के अनुसार हरियाणा 34.5 फीसदी (Unemployment rate in haryana) बेरोजगारी दर के साथ पहले और राजस्थान इस लिस्ट में 28.8 फीसदी (Unemployment rate in rajasthan) के साथ दूसरे नंबर पर है।
शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर अप्रैल के महीने में बढ़कर 9.22 फीसदी पर पहुंच गई है, जो इससे पिछले महीने 8.28 फीसदी थी। वहीं ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर में गिरावट देखने को मिल रही है। अप्रैल में ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर 7.18 फीसदी है, जो इससे पिछले महीने में 7.29 फीसदी थी। सीएमआईई के अनुसार बेरोजगारी दर बढ़ने की वजह घरेलू मांग का काम होना और बढ़ती कीमतों के चलते अर्थव्यवस्था में रिकवरी की दर का बेहद कम होना है।
ईपीएफओ के आंकड़े भी गिरे: नेशनल स्टेटिस्टिकल ऑफिस (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार ईपीएफओ ने सितंबर 2017 से इस साल फरवरी तक 5.18 करोड़ से भी अधिक सब्सक्राइबर्स जोड़े हैं। आंकड़ों के अनुसार ईपीएफओ ने सिर्फ फरवरी के महीने में करीब 9.34 लाख नए कर्मचारी जोड़े हैं। यह आंकड़ा पिछले महीने यानी जनवरी के 11.14 लाख से लगभग 2 लाख कम है।
महंगाई दर भी बढ़ी: देश में मार्च के महीने में रिटेल महंगाई बढ़कर 6.95 फीसदी तक जा पहुंची, जो खाने-पीने की चीजों के दाम का बढ़ना दिखाता है। फरवरी में महंगाई दर 6.07 फीसदी के स्तर पर थी। वहीं मार्च के महीने में फूड इंफ्लेशन 7.68 फीसदी हो गया, जे फरवरी में 5.85 फीसदी था। मार्च में साल दर साल के आधार पर खाने के तेलों के दाम 18.79 फीसदी तक चढ़े, जिसकी वजह से महंगाई में तगड़ी तेजी देखने को मिली