पेट्रोलियम उत्पादों पर वसूले गए उत्पाद शुल्क का 42 प्रतिशत राज्यों को

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी पार्टियों को राज्य सरकारों को वैट नहीं घटाने पर जिस तरह से निशाने पर लिया है, उसका इन राज्य सरकारों ने गहरा प्रतिरोध किया है। केंद्र सरकार पेट्रोलियम सेक्टर पर नौ तरह के टैक्स लगाती है।

पेट्रोल की बात करें तो इस पर 1.50 रुपये प्रति लीटर की बेसिक एक्साइज ड्यूटी लगाई जाती और 11 रुपये प्रति लीटर की दर से विशेष अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी लगाई जाती है। इसके बाद 15.50 रुपये प्रति लीटर की दर से कृषि शुल्क और रोड और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेस वसूला जाता है।

खास बात यह है कि केंद्र सिर्फ उत्पाद शुल्क के मद में वसूले गए शुल्क का ही 42 प्रतिशत राज्यों को देता है। सेस के तौर पर लिए गए शुल्क में राज्यों को हिस्सा नहीं दिया जाता है। डीजल पर उत्पाद शुल्क की कुल दर 9.80 रुपये प्रति लीटर और अधिभार के तौर पर 12 रुपये प्रति लीटर वसूला जा रहा है।

नवंबर, 2021 में केंद्र ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में पांच रुपये प्रति लीटर और डीजल में 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती करने का फैसला किया था। इसके बाद भाजपा शासित कर्नाटक, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, असम, बिहार, मध्य प्रदेश के अलावा राजस्थान, पंजाब, ओडिशा, दिल्ली जैसे गैर भाजपाई राज्यों ने भी पेट्रो उत्पादों पर स्थानीय शुल्क (वैट) में कटौती की थी। हालांकि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, मेघालय, अंडमान और निकोबार, झारखंड, छत्तीसगढ़ ने वैट में कटौती नहीं की थी।

महाराष्ट्र में पेट्रोल-डीजल सबसे महंगा
महाराष्ट्र की बात करें तो वहां स्थानीय शुल्क की वजह से पेट्रोल और डीजल की कीमतें देश में सबसे ज्यादा हैं। वहां पेट्रोल पर 25 प्रतिशत वैट के अलावा 10.12 रुपये प्रति लीटर का अतिरिक्त स्थानीय शुल्क वसूला जाता है। जबकि डीजल पर 24 प्रतिशत का वैट और तीन रुपये का अतिरिक्त स्थानीय शुल्क लगाया जाता है।

केरल में अतिरिक्‍त कर
केरल में पेट्रोल पर 30.08 प्रतिशत के वैट के साथ एक प्रतिशत का अतिरिक्त बिक्री कर और एक प्रतिशत का अलग से अधिभार लगाया जाता है। डीजल पर वहां की सरकार 22.76 प्रतिशत वैट और दूसरे बिक्री कर पेट्रोल जैसे ही लगाए जाते हैं। पश्चिम बंगाल में 25 प्रतिश के वैट के अलावा वैट पर 20 प्रतिशत का अतिरिक्त टैक्स पेट्रोल से वसूला जाता है जबकि डीजल पर 17 प्रतिशत का वैट और वैट पर 20 प्रतिशत का अतिरिक्त कर लगाया जाता है।

असम में 32 प्रतिशत तक वैट
उत्तर प्रदेश में पेट्रोल पर 19.36 प्रतिशत या 14.85 रुपये प्रति लीटर जो भी ज्यादा हो लगाया जाता है। जबकि डीजल में 17.08 प्रतिशत या 10.41 रुपये प्रति लीटर, जो भी ज्यादा हो कि दर लागू है। उत्तराखंड में पेट्रोल पर 16.97 प्रतिशत या 13.14 रुपये ( जो भी ज्यादा हो), डीजल पर 17.15 प्रतिशत या 10.41 रुपये (जो भी ज्यादा हो) की दर लागू है।

राजस्‍थान में डीजल पर 19.30 रुपये का वैट
राजस्थान में नवंबर की कटौती के बावजूद पेट्रोल पर अभी 31.04 प्रतिशत वैट के अलावा 1.50 रुपये प्रति लीटर का रोड सेस और डीजल पर 19.30 रुपये का वैट और 1.75 रुपये प्रति लीटर का रोड सेस लागू है। आंध्र प्रदेश में पेट्रोल पर वैट की दर 31 प्रतिशत, असम में 32.66 प्रतिशत, बिहार में 23.58 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 24 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 29 प्रतिशत, तेलंगाना में 35.2 प्रतिशत की दर से वैट लगाया जा रहा है।