गैर बीजेपी राज्यों में पेट्रोल और डीजल पर 35 फीसदी वैट

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नई दिल्ली। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें काबू में करने के लिए हमें सिर्फ यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि केंद्र और राज्य आपसी सहमति से कठोर निर्णय लें। उन्होंने ग्लोबल एनर्जी संकट पर भारत की रणनीति के बारे में बोलते हुए कहा,‘हम कोशिश कर रहे हैं कि सभी राज्य साथ मिलकर वैट को लेकर एकरूपता पर सहमत हों, लेकिन गैर बीजेपी राज्यों में लगभग 35 फीसदी वैट लिया जाता है।

राज्य बढ़ती पेट्रोल कीमतों को लेकर केंद्र की आलोचना नहीं कर सकते, जबकि उनके खुद के टैक्स बहुत ज्यादा हैं। राज्य सरकारों को वैट कम करना चाहिए। केंद्र ने उत्पाद शुल्क कम किया है। हम राज्यों से भी ऐसा ही करने की उम्मीद करते हैं।’

पुरी ने कहा, ‘केंद्र पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज टैक्स लेता है और राज्य वैट वसूलते हैं। हम पेट्रोल-डीजल पर 32 रुपये प्रति लीटर चार्ज करते थे। बीजेपी की सरकार वाले राज्यों ने केंद्र की तरह अपना वैट घटाया, जिससे कीमतें कम हुईं। गैर बीजेपी सरकार वाले राज्यों में लगभग 35 फीसदी वैट चार्ज किया जाता है।

एक राज्य में 26 फीसदी वैट के साथ 10.12 रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त टैक्स भी लिया जाता है। इसका अर्थ है कि अगर बरसों पहले अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत 50 डॉलर प्रति बैरल थी और अब जब यह 100 डॉलर प्रति बैरल है, तो आप अभी भी 32 फीसदी टैक्स कैसे वसूल सकते हैं।’

यह ग्लोबल इकॉनोमी की समस्या’
पुरी ने कहा, ‘दुनिया में उपलब्ध तेल और उसकी डिमांड में कोई बदलाव नहीं होने वाला है। तेल की कीमतें इसलिए ज्यादा हैं, क्योंकि कीमतों को प्रभावित कर सकने वालों ने मांग की तुलना में सप्लाई निचले स्तर पर बनाए रखी है। कच्चे तेल की कीमत 130 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचना गंभीर बात है।’ उन्होंने कहा, ‘अगर कच्चा तेल 100 डॉलर के ऊपर रहा, तो यह सिर्फ उनकी समस्या नहीं है, यह ग्लोबल इकॉनोमी की समस्या है।’