नई दिल्ली। घरेलू मोर्चे पर वृहद आर्थिक आंकड़े, रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा और रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) से जुड़े घटनाक्रम इस सप्ताह शेयर बाजारों (Share Market) की दिशा तय करेंगे। इसके अलावा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के रुख और कच्चे तेल की कीमतों (Crude Oil Prices) में उतार-चढ़ाव से भी बाजार की धारणा तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड (Swastika Investmart Limited) के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘इस सप्ताह भारतीय बाजारों के लिए रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति एक महत्वपूर्ण कारक होगी। यह देखना भी महत्वपूर्ण होगा कि बीते वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में लगातार बिकवाली के बाद नए वित्त वर्ष में एफपीआई का रुख किस तरह का रहता है। हालांकि, पिछले सप्ताह उनके रुख में बदलाव आया है।’
मौद्रिक नीति बैठक पर रहेगी नजर
रेलिगेयर ब्रोकिंग (Religare Broking) के उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा कि नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ सभी की निगाहें आठ अप्रैल को रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति बैठक के नतीजों पर रहेंगी। उन्होंने कहा,‘वृहद मोर्चे पर सप्ताह के दौरान चार और छह अप्रैल को क्रमश: विनिर्माण और सेवाओं के पीएमआई आंकड़े आएंगे।’ इन सबके बीच वैश्विक संकेतक जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध और कच्चे तेल की कीमतों पर भी सभी का ध्यान रहेगा। मिश्रा ने कहा कि अभी स्थानीय बाजार वैश्विक बाजारों के रुख से दिशा ले रहा है। रूस-यूक्रेन युद्ध के मोर्चे पर सकारात्मक घटनाक्रमों से बाजार में और सुधार आ सकता है। उन्होंने कहा, ‘हम शेयर विशेष की कीमतों में उतार-चढ़ाव देख सकते हैं।’
कच्चे तेल की कीमतें भी डालेंगी असर
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज (Geojit Financial Services) के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘आने वाले दिनों में बाजार का ध्यान मुख्य रूप से रूस-यूक्रेन युद्ध, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और रिजर्व बैंक की नीतिगत घोषणाओं पर होगा।’