दुग्ध संबल योजना का लाभ समान रूप से मिले, डेयरी किसानों ने सीएम को लिखा पत्र

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कोटा। राजस्थान राज्य के दूध उत्पादक कंपनियों से जुड़े 22 ज़िलों के 1.10 लाख से अधिक दूध उत्पादकों ने मुख्यमंत्री एवं राज्य सरकार को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री दुग्ध संबल योजना का लाभ राज्य के सभी दूध उत्पादकों तक समान रूप से पहुंचाने का आग्रह किया है। पीड़ित किसानों ने मुख्यमंत्री से मिलने का समय भी मांगा है। ताकि वे उनसे मिलकर उन्हें ज़मीनी हकीकत के बारे में अवगत करा सकें।

हाल ही में राजस्थान सरकार ने अपनी तरह का पहला कृषि बजट अलग से पेश किया था। मुख्यमंत्री दुग्ध संबल योजना के तहत सरकार ने उन किसानों के लिए सब्सिडी रुपये 2 से बढ़ाकर रुपये 5 प्रति लीटर कर दी थी, जो राज्य डेयरी संघ से जुड़ी सहकारी समितियों को दूध की आपूर्ति देते हैं। इस सब्सिडी के बढ़ने से 5 लाख डेयरी किसानों को लाभ होना चाहिए, जिसके तहत 550 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आउटले तय किया गया है।

हालांकि वास्तविकता यह है कि राज्य के कुल 95 फीसदी डेयरी किसान इस योजना के फायदों से वंचित हैं। ऐसे में किसानों की मांग है कि सब्सिडी का फायदा सभी डेयरी किसानों तक पहुंचे। ताकि कृषि एवं पशुपालन सेक्टर को प्रोत्साहन दिया जा सके। ‘‘राजस्थान में 1 करोड़ से अधिक लोग डेयरी कृषि में सक्रिय हैं और 5 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी का फायदा मात्र 5 लाख किसानों को मिल रहा है, जो राज्य की सहकारी समितियों से जुड़े हैं। ऐसे में तकरीबन 95 फीसदी डेयरी किसान इस लाभ से वंचित हैं।’’ राजस्थान के अजमेर ज़िले में नसीराबाद के झाढोल तहसील से एक डेयरी किसान नेहा चिपा ने बताया।

एक और डेयरी किसान ने कहा, ‘‘मैं एक दूध उत्पादक हूँ और मैं पायस दूध उत्पादक कंपनी से जुड़ा हूँ। यह राजस्थान में किसानों के स्वामित्व की संस्था है, जो सहकारी-समिति के सिद्धान्तों पर काम करती है। हमारी संस्था हमेशा से राजस्थान सरकार की नीतियों के अनुसार काम करती आ रही है। एक साथ मिलकर हम राज्य के 14 ज़िलों में लगभग 1 लाख दूध उत्पादक हैं। हमारे नेटवर्क में 3400 गांव हैं जो प्रति दिन 7.50 लाख किलोग्राम से अधिक दूध का उत्पादन करते हैं। उन्होंने सरकार से अपील की है कि मुख्यमंत्री दुग्ध संबल योजना के तहत 5 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी का लाभ राज्य के सभी किसानों को एसमान रूप से मिले ।’’