नहीं बढ़ेंगे खाद्य तेलों के दाम, भारत के पास दो महीने का स्‍टॉक मौजूद

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नई दिल्‍ली। रूस-यूक्रेन युद्ध से खाद्य तेलों (Edible Oil) की सप्‍लाई घटने की आशंका है। इस बीच खाद्य तेल उद्योग ने सरकार को आश्वासन दिया है कि वह अगले दो महीनों के लिए सूरजमुखी (Sunflower Oil) और अन्य खाना पकाने के तेलों की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।

सूत्रों ने बताया कि भारत यूक्रेन से बड़ी मात्रा में सूरजमुखी तेल का आयात करता है। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बैठक में सूरजमुखी के तेल समेत कुकिंग ऑयल की आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा की गई।

सूत्रों के मुताबिक उद्योग ने पिछले दो दिनों में खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट के रुख की भी मंत्रालय को जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि सरसों की नई फसल आने से सरसों तेल की खुदरा कीमतों में और गिरावट आ सकती है।

बैठक में सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) के अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी, इंडियन वेजिटेबल ऑयल प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (आईवीपीए) के महासचिव एसपी कामरा और अदानी विल्मर, रुचि सोया और मोदी नेचुरल्स सहित प्रमुख रिफाइनर और आयातकों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान उद्योग ने मंत्री को सूचित किया कि सूरजमुखी के तेल की कोई कमी नहीं है। मार्च डिलीवरी के लिए 1.5 लाख टन सूरजमुखी तेल की पहली खेप युद्ध से पहले ही यूक्रेन छोड़ गई थी और जल्द ही आने की उम्मीद है।

भारत में एक महीने में 18 लाख टन खाद्य तेल की खपत में से सूरजमुखी तेल का हिस्सा लगभग 1.5-2 लाख टन है। उपभोक्ताओं की मांग को पूरा करने के लिए केवल लगभग 1 लाख टन सूरजमुखी तेल की जरूरत होती है। सूत्रों ने कहा कि उद्योग ने मंत्रालय को यह भी बताया गया है कि चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि देश में सरसों और सोयाबीन के तेल के रूप में सूरजमुखी के तेल का विकल्प मौजूद है।