कोटा। कोरोना गाइडलाइन की पाबंदियों से शहर का होटल उद्योग वेंटिलेटर पर है। सरकार से किसी तरह का सहयोग नहीं मिलने से हताश और निराश होटल उद्यमी अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहे हैं ।
कोटा होटल फेडरेशन के अध्यक्ष नीरज त्रिवेदी ने मंगलवार को राज्य सरकार एवं यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से गुहार लगाते हुए होटल उद्योग राहत देने की मांग की है। त्रिवेदी ने बताया कि देश की जीडीपी का 10 प्रतिशत हिस्सा होने के बावजूद होटल इंडस्ट्री पाबंदियों के चलते परेशानी झेल रही है।
वहीं राज्य के जीडीपी में 15 से 20 फीसदी का योगदान देने वाले इस उद्योग को अगर वाकई इस समय सरकार की कुछ रियायतें, मदद और छूट मिल जाती हैं तो आने वाले कुछ महीनों पर यह व्यवसाय फिर से अपने पैरों पर खड़ा हो जाएगा।उन्होंने बताया कि कोटा में करीब 200 से अधिक होटल्स हैं। होटल इंडस्ट्री पहले से ही वेंटिलेटर पर चल रही है इसलिए होटल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार को कोविड-19 महामारी को देखते हुए पिछले 2 साल का यूडी टैक्स माफ किया जाना चाहिए।
वहीं नगर निगम द्वारा हाल ही में फायर एनओसी के लिए होटल एवं रिसोर्ट पर फायर सेस लगा दिया है, जो मिनिमम करीब एक लाख रुपए से शुल्क राशि शुरू है। फायर सेस होटल एवं रिसोर्ट की साइज के अनुसार वसूला जा रहा है।
इसके अलावा होटल एवं रिसोर्ट पर मैरिज गार्डन की तर्ज पर मैरिज गार्डन टैक्स भी लगा दिया है जिससे होटल कारोबारियों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। होटल एवं रिसोर्ट पर पूर्व में 10 रुपए फीट के हिसाब से मैरिज गार्डन टैक्स की रेट तय हुई थी, लेकिन कोटा नगर निगम दक्षिण एवं उत्तर द्वारा 2 रुपये 5 प्रति फीट के हिसाब से वसूला जा रहा है इस कारण होटल कारोबार खत्म हो जाएगा।