नई दिल्ली। किसानों को अब फसलों के बीच घुसकर खाद-दवा का छिड़काव करने की जरूरत नहीं होगी। ये सब काम ड्रोन के जरिए होगा। कृषि में ड्रोन के इस्तेमाल के लिए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी किए।
SOP में फ्लाइंग परमिशन, एरिया डिस्टेंस रिस्ट्रिक्शन, वेट क्लासिफिकेशन, ओवरक्राउडेड एरिया रिस्ट्रिक्शन, ड्रोन रजिस्ट्रेशन, सेफ्टी इंश्योरेंस, पायलटिंग सर्टिफिकेशन, ऑपरेटिंग प्लान, एयर फ्लाइट जोन, वेदर कंडीशन और इमरजेंसी हैंडलिंग प्लान समेत अन्य एस्पेक्ट शामिल हैं।
किसानों को फसलों के बीच जाकर छिड़काव करने में काफी दिक्कतें आती हैं। ऐसे में ड्रोन का इस्तेमाल काफी फायदेमंद साबित होगा। ड्रोन के जरिए कम समय में ज्यादा एरिया को कवर किया जा सकेगा। इसके साथ ही लेबर की समस्या का भी सामना नहीं करना पड़ेगा।
SOP से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
- एरिया की मार्किंग की जिम्मेदारी ड्रोन ऑपरेटर की होगी।
- ड्रोन ऑपरेटर अप्रूव्ड इंसेक्टिसाइड का ही उपयोग कर सकेंगे।
- इंसेक्टिसाइड का इस्तेमाल अप्रूव्ड कंसंट्रेशन और हाइट पर ही किया जा सकेगा।
- फर्स्ट एड फैसिलिटी ऑपरेटर की ओर से ही प्रोवाइड कराई जाएगी।
- ड्रोन को उड़ाने के 24 घंटे पहले अथॉरिटी को इसकी जानकारी देनी होगी।
- ग्राम पंचायत और पंचायत समिति के अधिकारी के साथ-साथ कृषि अधिकारी को ये जानकारी लिखित में देनी होगी।
- ड्रोन ऑपरेशन से जुड़े लोगों के अलावा कोई और उस एरिया में नहीं जा सकेगा।
- ड्रोन को उड़ाने के लिए पायलट ट्रेनिंग होगी। इसमें इंसेक्टिसाइड के क्लीनिकल इफेक्ट के बारे में भी बताया जाएगा।
- केवल डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) सर्टिफाइड पायलट ही एग्री ड्रोन उड़ा सकेंगे।
- दवा के छिड़काव के लिए DGCA सर्टिफाइड ड्रोन का ही इस्तेमाल हो सकेगा।