कोटा में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए लौटी रियासतकालीन दरवाजों की रौनक

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कोटा। शहर में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए यहां के रियासतकालीन दरवाजों को उनके प्राचीन वैभव लौटा कर उनकी खूबसूरती को निखारने का काम किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नगर विकास न्यास द्वारा शहर के गुमानपुरा, सूरजपोल, लाडपुरा, किशोरपुरा पाटन पोल के ऐतिहासिक दरवाजों को खूबसूरती देने का काम इन दिनों जोरों पर जारी है।

दरवाजों में निर्माण में पुरातत्व विभाग के मापदण्डों के अनुसार गुणवत्तापूर्ण सामग्री का उपयोग लिया जा रहा है । दरवाजों के मूल स्वरूप को निखार कर रियासत कालीन लकड़ी के गेट को भी मूल स्वरूप में लौटाया जा रहा हैं। ताकि देशी विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनकर यह ऐतिहासिक दरवाजे कोटा के वैभवशाली इतिहास को बयां कर सकें।

राजपूत स्थापत्य कला की बेजोड़ कारीगरी से रियासतकाल में बनवाए गए दरवाजे आज भी अपने वैभवशाली इतिहास की गवाही देते हैं। कोटा में परकोटे व दरवाजों का निर्माण रियासत काल में 3 चरणों मे करवाया गया था । लेकिन वक्त के साथ-साथ इनकी खूबसूरती और मजबूती अपना मूल रूप खोने लगी थी। अब नगर विकास न्यास कोटा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इनके खोए हुए वैभव को लौटाने में जुटा है।

दरवाजों के बाहर की ओर पर्यटकों का स्वागत करते हुए प्रतीकात्मक प्रतिमाएं भी लगाई जा रही हैं, ऐतिहासिक चित्रकारी को सुरक्षित रखने तथा धार्मिक स्थलों को भी एकरूपता में लाने के प्रयास किये जा रहे है। इतिहासकार फिरोज अहमद बताते है कि 1857 की क्रांति में अंग्रेजों को हमारे क्रांतिकारियों ने इन्हीं दरवाजे बुर्जो से ललकारा था। यह दरवाजे बुर्ज अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण किरदार साबित हुए थे।
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