मुंबई। वसूली कांड में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की हिरासत में लिए गए महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को एक और झटका लगने वाला है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने अब अनिल देशमुख के बेटे हृषिकेश (ऋषिकेश) देशमुख को पूछताछ के लिए समन जारी किया है और आज यानी शुक्रवार को एजेंसी के कार्यलाय में पेश होने को कहा है। ईडी पहले ही अनिल देशमुख को गिरफ्तार कर चुकी है, जो अभी कोर्ट के आदेश पर 6 नवंबर तक ईडी की हिरासत में हैं।
ईडी के अनुसार, बर्खास्त किए गए सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाझे ने कथित तौर पर मुंबई में ऑर्केस्ट्रा बार मालिकों से ‘बारों के सुचारू संचालन’ के लिए 4.7 करोड़ रुपये वसूले और यह पैसा देशमुख के निजी सहायक संजीव पलांडे को दिया, जिन्होंने बाद में नागपुर में किसी को पैसे सौंप दिए। ईडी के अधिकारियों ने कहा कि उसकी जांच से पता चला है कि हवाला चैनलों के जरिए यह पैसा फर्जी कंपनियों का संचालन करने वाले दिल्ली के सुरेंद्र कुमार जैन और वीरेंद्र जैन को भेजा गया था। जैन बंधुओं पर आरोप है कि उन्होंने इस पैसे को नागपुर स्थित श्री साईं शिक्षण संस्थान को दान के रूप में दिया, जो देशमुख परिवार द्वारा नियंत्रित एक ट्रस्ट है।
ईडी के अधिकारियों को संदेह है कि जैन बंधु देशमुख के बेटे ऋषिकेश देशमुख के निर्देश पर काम कर रहे थे और इसीलिए वे देशमुख के बेटे का बयान दर्ज करना चाहते हैं। ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ऋषिकेश और उसके पिता देशमुख का आमना-सामना करा सकती है और दोनों से एक साथ पूछताछ की जा सकती है। हालांकि, देशमुख के बेटे को गिरफ्तार किया जाएगा या नहीं, यह पूछताछ के बाद ही एजेंसी तय कर पाएगी।
बता दें कि हृषिकेश देशमुख को पहले भी एजेंसी ने दो बार तलब किया था। लेकिन अपने पिता की तर वह भी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए केंद्रीय एजेंसी के सामने पेश होने में विफल रहे थे। हृषिकेश के पिता अनिल देशमुख को ईडी ने सोमवार को 12 घंटे तक पूछताछ के बाद इस आधार पर गिरफ्तार किया था कि वह टालमटोल कर रहे थे और एजेंसी के प्रश्नों का जवाब नहीं दे रहे थे। यह पहली बार था जब पूर्व गृह मंत्री ईडी के अधिकारियों के सामने पेश हुए। ईडी इससे पहले देशमुख को चार समन भेज चुकी थी।
मुंबई की एक अदालत ने मंगलवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को 6 नवंबर तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया। ईडी ने धन शोधन के एक मामले में देशमुख को 12 घंटे से अधिक समय तक चली पूछताछ के बाद सोमवार देर रात गिरफ्तार कर लिया था। यह मामला महाराष्ट्र पुलिस प्रतिष्ठान में कथित वसूली गिरोह से जुड़ा है। ईडी ने मामले में दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है।
देशमुख और अन्य के खिलाफ ईडी का मामला मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगभग 100 करोड़ रुपये की वसूली के आरोपों के मद्देनजर सीबीआई द्वारा मामला दर्ज करने के बाद सामने आया था। मार्च में पुलिस आयुक्त के पद से हटाए जाने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने सचिन वाझे को महानगर में बार और रेस्तरां से एक महीने में 100 करोड़ रुपये से अधिक की उगाही करने के लिए कहा था। इसके बाद देशमुख ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि सिंह ने मुंबई पुलिस प्रमुख के पद से हटाए जाने के बाद उनके खिलाफ आरोप लगाए थे। आरोप दुर्भावनापूर्ण बयानों पर आधारित हैं।