मुंबई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स गुरुवार को निवेशकों की बिकवाली के दबाव में 1,158 अंकों (1.89%) की गिरावट के साथ 59,984 अंक पर बंद हुआ। यह सेंसेक्स का पिछले 20 दिनों का सबसे निचला स्तर है। 8 अक्टूबर को इसने 60 हजार का लेवल टच किया था।
बाजार की गिरावट में बड़े शेयर्स जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा कंसलटेंसी सर्विसेस (TCS) के शेयर योगदान दे रहे थे। रिलायंस का शेयर 1.26% और टीसीएस का शेयर 1.85% गिरावट के साथ बंद हुआ। इसके साथ ही बैंकिंग शेयर्स में भारी गिरावट रही। एक्सिस बैंक 3.75%, कोटक बैंक 4.05%, SBI 3.42% ICICI बैंक 4.39% टूटकर बंद हुआ।
इसी तरह निफ्टी में करीबन 353 अंकों (1.94%) की गिरावट रही। यह 17,857 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी बैंक और निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेस का इंडेक्स 2% के करीब टूटा है। जिन शेयर्स में आज निफ्टी में भारी गिरावट दिखी है उसमें अडाणी पोर्ट का शेयर 8% गिरा। ONGC का शेयर 4%, ITC 4%, कोल इंडिया 4% और हिंडालको 3% गिरा है। बेहतर रिजल्ट की वजह से इंडसइंड बैंक का शेयर 6% ऊपर है। लार्सन एंड टूब्रो के साथ मारुति और अल्ट्राटेक के शेयर बढ़त पर बंद हुए।
IRCTC का शेयर आज 15% ऊपर
IRCTC का शेयर आज 10.65% बढ़त के साथ 913 रुपए पर बंद हुआ। इसका कारण यह है कि इसमें शेयरों का विभाजन हुआ। एक शेयर को 5 शेयर्स में बांटा गया है। इससे इसके शेयर की कीमत कम हो गई है। यह शेयर विभाजन के बाद 928 रुपए पर कारोबार कर रहा था। इसका मार्केट कैप 74 हजार करोड़ रुपए हो गया है। यह शेयर बंटवारे से पहले 6,300 रुपए तक गया था। पर इसमें बाद में भारी गिरावट आई थी।
सरकारी कंपनियों के शेयर ज्यादा पिटे हैं। बाजार का मार्केट कैप 260.51 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। पिछले हफ्ते यह 274 लाख करोड़ रुपए था। बुधवार को मार्केट कैप 265.31 लाख करोड़ रुपए था। यानी आज मार्केट कैप में 4.80 लाख करोड़ रुपए की कमी आई है।
बाजार की गिरावट के कारण
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा ने कहा कि आज बाजार की भारी गिरावट के कई कारण रहे हैं। पहला तो यह कि विदेशी निवेशकों ने जमकर शेयर बेचे हैं। इसका असर बाजार पर दिखा है। दूसरा आज मॉर्गन स्टेनली ने भारत की रेटिंग घटा दी है। इसने भारतीय बाजार के हालिया बेहतरीन प्रदर्शन पर कहा कि यह ज्यादा वैल्यूएशन पर है। ग्लोबल लेवल पर ग्रोथ और महंगाई भी एक बड़ा कारण बाजार की गिरावट में रहा है। उनका कहना है कि इस तरह की भारी गिरावट खरीदारी के नए अवसर पैदा करती है।