आयु एप: डॉक्टर्स से कंसलटेशन और दवा के बाद अब घर बैठे ही होंगी जांचें

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कोटा। देश के टॉप स्टार्टअप्स में शामिल मेडकॉर्ड्स अब देशवासियों की सेहत का सम्पूर्ण ध्यान रखेगी। लोगों को किसी भी परेशानी से बचाने के लिए अब हर सुविधा घर बैठे ही उपलब्ध करवाई जाएगी। मेडकॉर्ड्स- आयु एप ने सेवाओं का विस्तार करते हुए अब पैथोलॉजी लैब के अंतर्गत होने वाली जांचों की सुविधाएं भी घर बैठे देना शुरू कर दिया है।

मेडकॉर्ड्स के को-फाउंडर श्रेयांस मेहता, निखिल बाहेती व सैदा धनावत ने बताया कि आयु एप में सुविधाओं का विस्तार किया गया है। अब तक डॉक्टर्स से कंसलटेशन के साथ दवा घर बैठे पहुंचाई जा रही थी लेकिन अब यदि डॉक्टर्स किसी तरह की जांच के लिए कहते हैं तो मरीज को परेशान होना पड़ता था, घर से दूर जाना पड़ता था या पैथोलॉजी लैब तलाशनी पड़ती थी। अब यह भी घर बैठे हो सकेगा। आयु एप के माध्यम से अब घर बैठे जांच के लिए सैंपल दिए जा रहे हैं और घर बैठे ही रिपोर्ट प्राप्त की जा रही है। इसके लिए किसी भी पैथोलॉजी लैब तक जाने की जरूरत नहीं है। इस सुविधा की शुरुआत करने के साथ ही अच्छा रेस्पोंस भी मिलने लगा है। यह सुविधा फिलहाल राजस्थान क्षेत्र के लिए शुरू की गई है, जिसे बाद में और अधिक विस्तार दिया जाएगा।

देश में सबसे पहले शुरू किया हेल्थ कार्ड
श्रेयांस मेहता ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में आयुष्मान भारत के तहत देशवासियों को हेल्थ हिस्ट्री रखने और उसी के अनुरूप इलाज करने की बात कही। इसी गाइड लाइन पर मेडकॉर्ड्स काम कर रहा है और बड़ी संख्या में देशवासियों को लाभ दे रहा है। उनकी हेल्थ हिस्ट्री के हिसाब से ही इलाज किया जा रहा है। देश में सबसे पहले हेल्थ कार्ड जारी करने का श्रेय भी मेडकॉर्ड्स को जाता है। ऐसे में डिजिटल माध्यम से देशवासियों की सेहत का ख्याल यहां रखा जा रहा है।

मेडकॉर्ड्स की लगातार उपलब्धियां
सैदा धनावत ने बताया कि आयु एप अपनी सेवाओं के बल पर भारत का बेहतर एप साबित हो रहा है। कोविड टाइम में देश का भरोसा जीता है। लॉकडाउन में दवा की दुकानों पर भीड़ से संक्रमण फैलने की स्थितियां बनी तो आयु एप के माध्यम से लोगों को घर बैठे परामर्श दिए गए और दवाओं की डिलीवरी भी की गई। लोगों को मदद मिलती गई और विश्वास बढ़ता जा रहा है। देश के कई बड़े व्यवसायियों एवं इंवेस्टर्स द्वारा मेडकॉर्ड्स को श्रेष्ठ स्टार्टअप में भी शामिल किया गया है। मेडकॉर्ड्स के को-फाउंडर श्रेयांश मेहता ने बताया कि हमारा लक्ष्य देश के हर व्यक्ति, परिवार को डिजिटल हेल्थ केयर उपलब्ध करवाना है। घर बैठे लोगों को इलाज व दवा पहुंचाना चाहते हैं ताकि अकेले व परेशान मरीज को आने के लिए तकलीफ नहीं उठानी पड़े।

35 लाख परिवार, 30 हजार से अधिक मेडिकल स्टोर्स
निखिल बाहेती ने बताया कि आयु एप अपनी बेहतर सेवाओं के साथ देशभर के लोगों की मदद कर रहा है। अब तक 35 लाख परिवार इस एप के माध्यम से जुड़ चुके हैं और 30 हजार मेडिकल स्टोर्स एप से जुड़कर लोगों को घर-घर दवाइयां पहुंचा रहे हैं। यही नहीं 5 हजार एक्सपर्ट चिकित्सकों की टीम भी आयु एप से जुड़ी हुई है, जिसके माध्यम से आधे घंटे में देश के किसी भी भाग में व्यक्ति को घर बैठे कंसलटेशन मिल रहा है।