कोटा। तेल-तिलहन पर स्टॉक लिमिट लगाए जाने से बाजारों में हड़कंप मच गया है। मूंगफली सोया तेल की अच्छी फसल भी बाजारों में आने को तैयार है। दिवाली के आसपास घरेलू तेल की उपलब्धता बढ़ सकती है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि सरसों की उपलब्धता पिछले वर्ष से कमजोर थी। मूंगफली की नई फसल बाजारों मे आने लगी है।
इसके बाद मौसम साफ होने से अब क्वालिटी भी अच्छी आएगी। स्टॉक लिमिट आने से किसान भी अब जल्दी ही अपनी फसल बाजार में लाना चाहता है। जिससे घरेलू बाजार में तेलों की उपलब्धता और बढ़ सकती है। ठीक इसी प्रकार चना में स्टॉक लिमिट लगाए जाने के बाद कहीं मिलर प्रॉस्सोट्रक्टर मीलर ट्रैडरो के पास स्टॉक ज्यादा होने के कारण नोटिस भेजे गए थे।
ठीक इसी तरह तेलों पर भी ऐसा कभी हो सकता है। कुल मिलाकर फिलहाल तेलों में तेजी की संभावना बिल्कुल खत्म है। सितंबर में बड़ी मात्रा में पाम तेल आयात किया गया है। स्टाक लिमिट लगाए जाने से अंतरराष्ट्रीय बाजार बढे या घटे इसका ज्यादा असर भारतीय बाजारों पर नहीं पड़ेगा। क्योंकि अब मिलर ट्रैडर कन्टैक्टर को एक सीमित मात्रा में तेलो का स्टॉक रखना होगा।