Ujjwala-2.0:आत्मविश्वास से ही आत्मनिर्भर होगा देश, PM नरेंद्र मोदी बोले

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लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उत्तर प्रदेश के महोबा में एलपीजी कनेक्शन सौंपकर उज्ज्वला योजना के दूसरे चरण का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रधानमंत्री का स्वागत किया। इस मौके पर छोटी सी फिल्म भी दिखाई गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बुंदेलखंड के महोबा से उज्ज्वला-2.0 योजना के वर्चुअल शुभारंभ के दौरान कहा कि पानी की तरह ही गैस भी अब हर घर की रसोई तक पहुंचेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले 25 सालों में देश समर्थ व सक्षम होगा। इसमें बहनों की भूमिका अहम होगी। आत्मविश्वास से ही देश आत्मनिर्भर होगा। 2014 से पहले तक की सरकारों ने कुछ भी नहीं सोचा।

उन्होंने तब सड़क, बिजली पानी, स्वास्थ्य, अस्पताल, स्कूल को लेकर सोचा और अब सात साल में मिशन मोड पर काम करके तय समय के भीतर समाधान खोज रहे हैं। रसोई ठीक होगी तो बेटियां घर से निकल राष्ट्रनिर्माण में सहयोगी बनेंगी। कृषि अवशेष से बायो फ्यूल के उप्र के बदायूं व गोरखपुर, पंजाब के भटिंडा में बनेंगे। इससे देश के विकास का इंजन दौड़ेगा। गोवर्धन योजना निराश्रित पशुओं से भी आमदनी का रास्ता खोलेगी। गांवों में घर-घर बायो गैस प्लांट बनेंगे।

कोरोना काल में मां-बहनों तक फ्री गैस पहुंची
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना काल में फ्री गैस मां-बहनों तक पहुंची। छह-सात साल में 11 हजार नए एलपीजी वितरण केंद्र खोले गए। उत्तर प्रदेश में 2014 में ये केंद्र 2000 थे, जो अब 4000 से अधिक हो गए हैं। 2014 से पहले के वर्षों में जितने कनेक्शन दिए गए, उतने उनकी सरकार ने सात सालों में दिए। सीएनजी आधारित यातायात पर फोकस है। उत्तर प्रदेश के 50 जिलों में 21 लाख घरों को पीएनजी कनेक्शन से लैस किया जा रहा है।

प्रयास भी बड़े करने पड़ते हैं
सपने बड़े हों तो प्रयास भी बड़े करने पड़ते हैं। बायो फ्यूल इस दिशा में देश के विकास का इंजन बनेगा। गांव और प्रदेश से तरक्की की राह निकलेगी। इथेनाल निर्माण से गन्ना किसानों को लाभ होगा। गन्ने से इथेनाल बनने से उप्र को सीधा फायदा पहुंचेगा। सात हजार करोड़ का सीधा लाभ किसानों को मिलेगा। किसानों को कचरे के भी दाम मिलेंगे।

रक्षाबंधन से पहले ही माताओ-बहनों का आशीर्वाद मिला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे आज रक्षाबंधन से पहले ही माताओ-बहनों का आशीर्वाद मिला। आज उज्जवला योजना के दूसरे चरण में देश की लाखों माताओं-बहनों को एलपीएजी कनेक्शन तथा गैस चूल्हा मिल रहा है। उज्ज्वला योजना ने देश के जितने लोगों और महिलाओं का जीवन रोशन किया है, वो अभूतपूर्व है। योजना 2016 में उत्तर प्रदेश के बलिया से आजादी की लड़ाई के अग्रदूत मंगल पांडे की धरती से शुरू हुई थी। आज उज्ज्वला का दूसरा संस्करण भी उत्तर प्रदेश के ही महोबा की वीरभूमि से शुरू हो रहा है।

उन्होंने कहा कि देश में उज्जवला योजना की पहली योजना देश की आजादी के नायक मंगल पाण्डेय की कर्मस्थली बलिया में 2016 से शुरू की गई। आज इसका दूसरा चरण उत्तर प्रदेश की ही एक वीर भूमि महोबा से शुरू हो रहा है। आज मुझे बुंदेलखंड के महानायक मेजर ध्यान चंद को याद कर गर्व महसूस हो रहा है। आज मैं बुंदेलखंड की एक और महान संतान को याद कर रहा हूं। मेजर ध्यान चंद, हमारे दद्दा ध्यानचंद। देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार का नाम अब मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार हो गया है। दद्दा के नाम पर हमने खेल का शीर्ष पुरस्कार किया तो हमको लाखों खेल प्रेमियों की प्रतिक्रिया मिली।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2016 में उत्तर प्रदेश के बलिया से मंगल पांडेय की धरती से उज्ज्वला गैस योजना के पहले चरण का शुभारंभ हुआ था और अब बुंदेलखंड की वीरभूमि महोबा से दूसरे चरण की शुरुआत हो रही है। बुंदेलखंड रानी लक्ष्मीबाई, दुर्गावती, छत्रसाल जैसे वीरों की धरती रही है। यहां के वीर आल्हा-ऊदल का अलग स्थान रहा है। ओलिंपिक में देश के खिलाड़ियों ने मान बढ़ाया तो बुंदेलखंड की धरती से जुड़े दद्दा मेजर ध्यानचंद के नाम पर सर्वोच्च पुरस्कार घोषित किया। आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, लेकिन पिछली सरकारों ने मूलभूत सुविधाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया। गरीब और आदिवासी बेहाल रहे। मां-बहने दर्द से कराहती रहीं। घर से लेकर हर मोर्चे पर उन्हें दिक्कत में देखा। अब उज्ज्वला योजना, आवास योजना, जनधन समेत केंद्र सरकार की योजनाओं ने बदलाव का माहौल पैदा किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बहनों के स्वास्थ्य, सुविधा और सशक्तिकरण के इस संकल्प को उज्ज्वला योजना ने बहुत बड़ा बल दिया है। योजना के पहले चरण में 8 करोड़ गरीब, दलित, वंचित, पिछड़े, आदिवासी परिवारों की बहनों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया गया। इसका कितना लाभ हुआ है, ये हमने कोरोना काल में देखा है। हमारी बेटियां घर और रसोई से बाहर निकलकर राष्ट्रनिर्माण में व्यापक योगदान तभी दे पाएंगी, जब पहले घर और रसोई से जुड़ी समस्याएं हल होंगी। बीते 6-7 सालों में ऐसे हर समाधान के लिए मिशन मोड पर काम किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत देशभर में करोड़ों शौचालय बनाए गए` बीते साढ़े 7 दशकों की प्रगति को हम देखते है तो हमें जरूर लगता है कि कुछ स्थितियां, कुछ हालात ऐसे हैं जिनको कई दशक पहले बदला जा सकता था।