नई दिल्ली। अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज वैक्सीन को भारत में अप्रूवल मिल गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने एक ट्वीट में इसकी घोषणा की। यह देश में उपलब्ध होने वाली चौथी कोविड वैक्सीन होगी। सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड (ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका), भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और डॉ रेड्डीज की स्पूतनिक वी (रूस में डिवेलप) पहले से ही उपलब्ध हैं। सिप्ला को भी मॉडर्ना की वैक्सीन के इम्पोर्ट की इजाजत मिल चुकी है।
जॉनसन एंड जॉनसन इस वैक्सीन का उत्पादन कैसे करेगी, इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी है। मगर कंपनी ने यह जरूर कहा है कि उसकी ग्लोबल सप्लाई में बायोलॉजिकल ई की अहम भूमिका होगी। आइए आपको बताते हैं कि जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल वैक्सीन कैसे बनी है, कैसे काम करती है और कितनी असरदार है।
और किस तरह काम करती है वैक्सीन?
जॉनसन एंड जॉनसन (J&J) की वैक्सीन कोविड-19 देने वाले SARS-CoV-2 वायरस के जेनेटिक मैटीरियल का इस्तेमाल करके बनाई गई है। इसे Ad26.COV2.S कहते हैं। यह वायरस के जेनेटिक कोड का प्रयोग स्पाइक प्रोटीन बनाने के लिए करते हैं। कई और वैक्सीन भी इसी तरीके से प्रोटेक्शन प्रदान करती हैं।
एक बार शरीर में वैक्सीन पहुंच जाए तो यह बीमारी के खिलाफ ऐंटीबॉडीज तैयार करने का निर्देश देती है। चूंकि वैक्सीन में वायरस का पूरा जेनेटिक मैटीरियल नहीं होता, इसलिए वह लोगों को बीमार नहीं बना सकतीं। ऐसे में जब इम्युन सिस्टम जो ऐंटीबॉडीज बनाता है, वह असल वायरस को पहचान लेती हैं और उससे लड़ती हैं।
बाकी वैक्सीन से कितनी अलग है?
J&J की वैक्सीन नॉन-रेप्लिकेटिंग वायरल वेक्टर वैक्सीन है। इसका मतलब यह है कि वैक्सीन के भीतर का जेनेटिक मैटीरियल शरीर के भीतर अपनी कॉपीज नहीं बनाएगा। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि जब वायरस शरीर में प्रवेश करता है तो वह अपनी कॉपीज बनाना शुरू करता है जिससे संक्रमण फैलता है। वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री तापमान के बीच स्टोर कर सकते हैं। खुल चुके वायल्स 9 डिग्री से 25 डिग्री तापमान के बीच 12 घंटे तक रखे जा सकते हैं।
कितनी असरदार है? भारत मे ट्रायल हुआ है?
J&J ने अपनी एप्लिकेशन में फेज 3 क्लिनिकल ट्रायल के डेटा का हवाला दिया है। इसके मुताबिक, सिंगल डोज वाली वैक्सीन सभी क्षेत्रों में हुई स्टडीज में गंभीर बीमारी रोकने में 85% तक सक्षम पाई गई। डोज लगने के 28 दिन बाद, कोविड-19 से जुड़े हॉस्पिटलाइजेशन और मौत से भी वैक्सीन बचाती है।