नई दिल्ली। रेलवे की तरफ से यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रेन में वाई-फाई इंटरनेट कनेक्शन देने की योजना शुरू की गई थी, जिसे फिलहाल बंद किया जा रहा है। इसका ऐलान केंद्र सरकार की तरफ से बुधवार को संसद में कर दिया गया है। ट्रेनों में इंटरनेट सर्विस देने की योजना बंद करने की वजह कीमतों को बताया गया है। रेलवे के मुताबिक यह योजना कॉस्ट इफेक्टिव नहीं है। मतलब लागत के हिसाब से फायदा नहीं मिलने के अनुमान के चलते इसे बंद किया जा रहा है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में दिये एक लिखित जवाब में कहा कि एक पायलेट प्रोजेक्ट योजना के तहत हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन में वाई-फाई इंटरनेट सर्विस को सैटेलाइट कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी की मदद से उपलब्ध कराया जा रहा था। लेकिन सरकार की मानें, तो इस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल में ज्यादा लागत लगने का अनुमान था, क्योंकि इसका बैंडविड्थ शुल्क ज्यादा है। ऐसे में यह योजना प्रभावी नहीं थी। साथ ही यात्रियों के लिए इंटरनेट बैंडविड्थ की उपलब्धता अपर्याप्त थी। इसकी वजह से प्रोजेक्ट को ड्रॉप कर दिया गया है। हालांकि मंत्री की तरफ से साफ नहीं किया गया कि ट्रेन में वाई-फाई इंटनरेट के लिए कितनी लागत लगने का अनमान था।
बता दें कि पूर्व रेल मंत्री पीयूष गोयल ने साल 2019 में कहा था कि केंद्र सरकार ट्रेनों में वाई-फाई इंटरनेट सर्विस उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रही है। इसमें चार से साढ़े चार का वक्त लग सकता है। मौजूदा वक्त में इंडियन रेलवे की तरफ से 6000 से ज्यादा स्टेशन पर वाई-फाई सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। यह सुविधा रेल मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) RailTel की मदद से उपलब्ध प्रदान की जा रही है।