Agri Export: ईरान-इजरायल के बीच तनाव से भारतीय कृषि उत्पादों का निर्यात प्रभावित

31

नई दिल्ली। Agri Commodity Export: पश्चिम एशिया में तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इजरायल पहले फिलीस्तीन सीरिया और लेबनान के साथ युद्ध में उसका हुआ था जबकि अब उसे ईरान चुनौती का भी सामना करना पड़ रहा है।

दोनों देश एक- दूसरे पर मिसाइल और ड्रोन से हमला करने लगे हैं। इससे भारत का आयात निर्यात बुरी तरह प्रभावित होने की आशंका है। भारत से ईरान की बड़े पैमाने पर बासमती चावल, चाय, कॉफी, मसालों का निर्यात होता रहा है।

यदि ईरान इजरायल के साथ युद्ध में उलझ गया तो वहां भारत से इन उत्पादों का निर्यात ठप्प पड़ सकता है। पश्चिम एशिया तथा खाड़ी क्षेत्र के अन्य देशों में भी भारतीय उत्पादों के निर्यात पर असर पड़ने की आशंका है।

उल्लेखनीय है कि विदेशों में भारत का पहला बंदरगाह ईरान के चावहार में बना है। यह धारावाहिक दृष्टिकोण से अत्यन्त महत्वपूर्ण बंदरगाह है क्योंकि भारत पहले इस बंदरगाह पर अपना माल पहुंचाता है और फिर वहां से निकटवर्ती देशों के साथ-साथ यूरोप को भी उत्पाद भेजता है।

ईरान के युद्ध में फंसने की स्थिति में चावहार पोर्ट तक भारतीय उत्पाद का पहुंचना मुश्किल हो जाएगा और यह भी संभव है कि इस बंदरगाह को कुछ समय तक बंद कर दिया जाए। ऐसी हालत में भारतीय निर्यातकों को यूरोप तथा पश्चिम एशिया में अपना माल भेजने में कठिनाई हो सकती है।

पिछले कई वर्षों से ईरान भारतीय बासमती चावल का सबसे बड़ा आयातक देश रहा है। अब भी वहां इसका भारी आयात होता है। युद्ध की स्थिति में भुगतान अटकने की आशंका बनी रहेगी।

जहां तक इजरायल की बात है तो वहां भारत से कृषि उत्पादों का तो ज्यादा शिपमेंट नहीं होता है मगर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम मध्यम उद्योग में निर्मित सामानों का जरूर काफी निर्यात होता है जो युद्ध के दौरान अटक सकता है। फिलहाल गंभीर युद्ध के हालात तो नहीं बने है लेकिन इसकी आशंका बरकरार है।