नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा स्ट्रीट वेंडर्स (रेहड़ी-पटरी) के लिए शुरू की गई खास पीएम स्वनिधि योजना के लिए पीएम स्वनिधि मोबाइल ऐप लॉन्च किया है। ऐप का लक्ष्य कर्ज देने वाले संस्थानों को यूजर फ्रेंडली डिजिटल इंटरफेस उपलब्ध कराना है। हालांकि अभी ये ऐप गूगल प्ले स्टोर पर नहीं दिख रहा है। इस योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स को 10 हजार रुपए तक का लोन दिया जाता है।
इस योजना की शुरुआत इसी साल 1 जून से की गई थी। इसमें कामकाज में मदद के लिए 10 हजार रुपए तक का लोन दिया जा रहा है। इस स्कीम के लिए सरकार ने 5000 करोड़ रुपए की राशि रखी है। यह लोन लेने के लिए किसी भी तरह की जमानत (गारंटी) नहीं देनी होगी।
1.54 लाख से ज्यादा रेहड़ी-पटरी वालों ने किया अप्लाई
सरकार द्वारा जारी बयान के मुताबिक, अब तक 1.54 लाख से ज्यादा रेहड़ी-पटरी वालों ने इसके लिए अप्लाई किया है जिनमें से 48,000 से ज्यादा आवेदकों को मंजूरी मिल गई है और राशि को अधिकृत कर दिया गया है। सरकार के अनुसार नए लॉन्च किए गए ऐप में वे सभी समान फीचर्स हैं, जो पीएम स्वनिधि के वेब पोर्टल में हैं। इनमे आवेदकों का ई-केवाईसी, ऐप्लीकेशंस की प्रोसेसिंग और रियल टाइम मोनेटरिंग जैसी सुविधाएं मिल रही हैं।
किसे मिलेगा लोन?
सड़क किनारे, ठेले या रेहड़ी-पटरी पर दुकान चलाने वालों को यह कर्ज दिया जाएगा। फल-सब्जी, लॉन्ड्री, सैलून और पान की दुकानें भी इस श्रेणी में शामिल की गई हैं। यह कर्ज बेहद आसान शर्तों पर दिया जाएगा। इसमें किसी गारंटी की जरूरत नहीं होगी।
50 लाख लोगों को होगा फायदा
सरकार स्ट्रीट वेंडरों की मदद की खातिर इस स्कीम के लिए 5000 करोड़ रुपए की सीमा तक की गई है। इस स्कीम से 50 लाख स्ट्रीट वेंडरों को फायदा पहुंचने की उम्मीद है। समय पर भुगतान करने वालों को ब्याज में 7 फीसदी छूट दी जाएगी। हालांकि अभी कर्ज पर कितना ब्याज देना होगा यह नहीं बताया गया है।
योजना की विशेषता
- इस लोन के लिए किसी तरह के गारंटी की जरूरत नहीं होगी।
- मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल आधारित आवेदन प्रक्रिया।
- समय पर या उससे पहले कर्ज चुकाने पर 7 फीसदी की ब्याज सब्सिडी।
- पहले लोन के समय पर और जल्द भुगतान की स्थिति में अधिक लोन की एलिजिबलिटी।
- डिजिटल लेनदेन की रसीद या भुगतान पर मासिक कैशबैक की सुविधा।