नई दिल्ली। चीन और भारत के बीच सीमा विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक शुरू हो चुकी है। इस बैठक के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी को सरकार ने न्योता नहीं दिया है। आप ने इसको लेकर नाराजगी जाहिर की है।
इस बैठक में अलग-अलग पार्टियों के अध्यक्ष शामिल हुए हैं, बैठक में भारत-चीन के बीच सीमा विवाद पर चर्चा हो रही है। सूत्रों के मुताबिक, जिन पार्टियों के पांच से ज्यादा सांसद हैं सिर्फ उन्हें ही इस बैठक में शामिल होने का निमंत्रण मिला है।
जेडीयू के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया सरकार का समर्थन
चीन के खिलाफ देशव्यापी गुस्सा है। हमारे बीच कोई मतभेद नहीं होना चाहिए। हम साथ हैं।
पार्टियों को किसी भी तरह की असमानता नहीं दिखानी चाहिए जिसे अन्य देश देख पाएं। भारत पर चीन का रुख ज्ञात है। भारत चीन को सम्मान देना चाहता था। लेकिन चीन ने 1962 में क्या किया?
भारतीय बाजारों में चीन के सामानों की बाढ़ बड़ी समस्या है। वे भारी प्लास्टिक हैं, पर्यावरण के अनुकूल नहीं हैं और वे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। इनसे जुड़ा इलेक्ट्रॉनिक कचरा अधिक होता है। चीनी उत्पाद लंबे समय तक नहीं चलते हैं। यह हमारा कर्तव्य है कि हम एक हों और केंद्र का समर्थन करें।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम सब एक हैं। हम सब प्रधानमंत्री मोदी के साथ मजबूती से खड़े हैं। हम अपनी देश की सेना और उनके परिवार के साथ खड़े हैं। भारत शांति चाहता है, इसका मतलब यह नहीं है कि हम कमजोर हैं। चीन हमेशा से धोखेबाज रहा है। भारत ‘मजबूत’ है, ‘मजबूर’ नहीं है। हमारी सरकार ‘आंखें निकाल कर हाथ में दे देने’ की क्षमता रखती है।
ममता बनर्जी ने दिया सरकार का साथ
टीएमसी अध्यक्ष और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सर्वदलीय बैठक राष्ट्र के लिए एक अच्छा संदेश है। दिखाता है कि हम अपने जवानों के पीछे एकजुट हैं। चीन को दूरसंचार, रेलवे और विमानन क्षेत्रों में प्रवेश नहीं करने देंगे। हम कुछ समस्याओं का सामना लेकिन हमने चीनियों को प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी।
चीन एक लोकतंत्र नहीं है। वहां एक तानाशाही है। वे वही कर सकते हैं जो वे महसूस करते हैं। दूसरी ओर, हमें साथ काम करना होगा। भारत जीत जाएगा, चीन हार जाएगा। एकता के साथ बोलिए। एकता के साथ सोचें। एकता के साथ काम करें। हम ठोस रूप से सरकार के साथ हैं।
नॉर्थ ईस्ट में नहीं रुकना चाहिए निर्माण कार्य:
एनपीपी के कोनराड संगमा ने कहा, ‘सीमा के साथ बुनियादी ढांचा का काम नहीं रुकना चाहिए। म्यांमार और बांग्लादेश में चीन प्रायोजित गतिविधियां चिंताजनक हैं। पीएम नॉर्थ ईस्ट इंफ्रा पर काम कर रहे हैं और यह चल रहा है।’
सोनिया गांधी सरकार से नाखुश
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, “सभी पार्टी की बैठक बहुत पहले ही हो जानी चाहिए। इस समय भी इस चरण पर हम अंधेरे में हैं। चीनी सैनिकों ने किस तारीख को घुसपैठ की? सरकार ने कब बदलाव के बारे में पता लगाया? क्या सरकार को सैटेलाइट पिक्स नहीं मिले? क्या खुफिया विभाग ने असामान्य गतिविधि की जानकारी नहीं दी है? राष्ट्र को आश्वासन की जरूरत है कि यथास्थिति बहाल हो। माउंटेन स्ट्राइक कोर की वर्तमान स्थिति क्या है? विपक्षी दलों को नियमित रूप से जानकारी दी जानी चाहिए।
पार्टी अध्यक्षों ने किया सरकार और पीएम का समर्थन
सीपीआई के डी राजा ने कहा हमें अमेरिका द्वारा उनके गठबंधन से जोड़ने के प्रयासों का विरोध करने की आवश्यकता है और सीपीआई (एम) के सीताराम येचुरी ने पंचशील के सिद्धांतों पर जोर दिया।
बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा ने अपनी पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा, ‘हम पूरी तरह से और बिना शर्त सरकार के साथ खड़े हैं।’ डीएमके के एमके स्टालिन ने कहा कि जब हम देशभक्ति की बात करते हैं तो हम एकजुट होते हैं।” उन्होंने चीन के मुद्दे पर पीएम के हालिया बयानों का भी स्वागत किया।
टीआरएस चीफ और तेलंगाना सीएम केसीआर ने कहा कि कश्मीर पर पीएम की स्पष्टता ने चीन को नाराज कर दिया है। कश्मीर के विकास पर पीएम के जोर ने भी चीन को नाराज किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पीएम के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान ने चीन को झकझोर दिया है।
सूत्रों के अनुसार बैठक में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के प्रमुख और सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने कहा कि हमें पीएम पर पूरा भरोसा है। अतीत में भी, जब राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आई तब पीएम ने ऐतिहासिक निर्णय लिए।
सूत्रों के मुताबिक एनसीपी प्रमुख और पूर्व रक्षा मंत्री शरद पवार ने कहा कि सैनिकों ने हथियार उठाए हैं या नहीं इसका फैसला अंतरराष्ट्रीय समझौतों से होता है और हमें ऐसे संवेदनशील मामलों का सम्मान करने की जरूरत है। रक्षामंत्री ने सभी नेताओं को चीन पर जानकारी दी, उन्होंने कहा, ‘भारतीय सेना सीमा पर पूरी तरह मुस्तैद है।
बैठक में सोनिया गांधी, ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, उद्धव ठाकरे, नवीन पटनायक और मायावती समेत कई अन्य नेता बैठक में शामिल थीं। बैठक की शुरुआत में पीएम मोदी ने गलवां घाटी में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी के साथ अन्य नेताओं ने भी गलवां घाटी में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी।