अपनी किताबों के पहले पेज पर स्टार्टअप का महत्व बताए विश्वविद्यालय :राज्यपाल ने कहा

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ओपन यूनिर्वसिटी के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते राज्यपाल कलयाण सिंह

दीक्षांत समारोह से औपचारिक शिक्षा का अंत हो सकता है, लेकिन व्यवहारिक शिक्षा में अभी उत्तीर्ण होना बाकी है।

कोटा। यूनिवर्सिटी को अपनी किताबों के पहले पन्ने पर ही स्टार्ट अप इंडिया के महत्व को बताते हुए रोजगार की योजनाओं की जानकारी देनी चाहिए। इस संबंध में वह केंद्र सरकार को भी पत्र लिखेंगे। इससे केंद्र सरकार की योजनाअों की जानकारी युवाओं तक पहुंच पाएगी।

यह बात राज्यपाल ने वर्धमान महावीर ओपन यूनिवर्सिटी के दसवें दीक्षांत समारोह में कही। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह से औपचारिक शिक्षा का अंत हो सकता है, लेकिन व्यवहारिक शिक्षा में अभी उत्तीर्ण होना बाकी है।  उन्होंने कहा कि इस शिक्षा के कारण ही गांव में बैठा व्यक्ति भी शिक्षा पूरी कर रहा है।

कनवोकेशन में आंकड़ों को बताते हुए कहा कि महिलाएं शिक्षा में आगे बढ़ रही है। यह उनके परिवारजनों के लिए गर्व की बात है। उत्तराखड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव ने दीक्षांत भाषण देते हुए कहा कि मुक्त  और दूरस्थ शिक्षा के कारण उच्च शिक्षा पहुंच गांव-गांव तक पहुंच गई है।

कुलपति प्रो. अशोक शर्मा ने प्रतिवेदन पढ़ते हुए कहा कि 23 जुलाई को यूनिवर्सिटी के तीस साल पूरे हो जाएगी। पिछले सेशन में एक लाख से अधिक स्टूडेंट्स ने एडमिशन लिया था। कनवोकेशन में अमित शर्मा को चांसलर गोल्ड मेडल प्रदान किया गया।

32 मेडल छात्राओं को और 28 मेडल छात्रों को मिले
यूनिवर्सिटी ने गोल्ड के लिए 60 स्टूडेंट्स की लिस्ट जारी करके उन तक कनवोकेशन का मैसेज पहुंचा दिया था। इसके बावजूद कनवोकेशन में 45 स्टूडेंट्स ने गोल्ड लेने के लिए पहुंचे। 15 स्टूडेंट्स ने रुचि नहीं दिखाई। पीजी में 22 छात्राओं और 17 छात्र, यूजी में पांच छात्राएं और तीन छात्र, पीजी डिप्लोमा में चार छात्राएं और चार छात्र डिप्लोमा में एक छात्रा चार छात्रों ने पदक हासिल किया। कुल 32 मेडल छात्राओं 28 मेडल छात्रों को मिले।